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फरसाटार प्रधानी पर लटकी तलवार 

फर्जी प्रमाण मामले में स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट के चुनौती को आजमगढ़ मंडल ने किया खारिज

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फरसाटार प्रधानी पर लटकी तलवार 

फर्जी प्रमाण मामले में स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट के चुनौती को आजमगढ़ मंडल ने किया खारिज

एसडीएम कोर्ट में 12 ग का 20 को आ सकता है आदेश 

बलिया: जनपद बलिया के बेल्थरारोड तहसील अंतर्गत सीयर ब्लॉक के फरसाटार गांव के प्रधान के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जांच मामले में जिला स्क्रूटनी कमेटी के निर्णय को आजमगढ़ मंडल के अपीलीय फोरम ने बरकरार रखा और इसके खिलाफ विवादित प्रधान जफरूल हाल के अपील को खारिज कर दिया। आजमगढ़ मंडल आयुक्त मनीष चौहान, सीआरओ अनिल अग्निहोत्री, समाज कल्याण उप निदेशक आरके चौरसिया, पिछड़ा वर्ग कल्याण उप निदेशक संजय नाथ तिवारी की मंडलीय अपीलीय फोरम ने उक्त निर्णय 7 जुलाई को दिया और 15 जुलाई को इसका आदेश जारी हो गया। जिसकी आदेश की प्रति बेल्थरारोड पहुंचते ही मंगलवार को हड़कंप मच गया। जिसके बाद अब इस मामले में सबकी निगाहें बेल्थरारोड तहसील के एसडीएम न्यायालय में लंबित 12 ग के वाद पर टिकी है। बेल्थरारोड एसडीएम कोर्ट में शिकायतकर्ता समीर मौर्य की अपील पर फरसाटार प्रधानी की सुनवाई अंतिम चरण में है। माना जा रहा है कि आगामी 20 जुलाई को मामले में एसडीएम न्यायालय से कोई बड़ा फैसला आ सकता है। जिससे वर्तमान प्रधान की प्रधानी खतरे में पड़ गई है। जिसके कारण फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर प्रधान बनने के मामले में प्रधानी जल्द ही समाप्त होने और त्रिस्तरीय कमेटी गठित होने के कयास अभी से लगाएं जाने लगे है। जिससे गांव में हड़कंप मचा हुआ है। पिछड़ी जाति की सीट पर शेख सरवरी के फर्जी जाति प्रमाणपत्र आरोप झेल रहे वर्तमान प्रधान जफरुल हक को पूर्व में उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिला थी।

आपको बता दें कि तत्कालीन बलिया डीएम सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जिला स्क्रूटनी कमेटी ने फरसाटार प्रधान जफरुल हक के मामले में 31 जनवरी को ही शेख सरवरी संबंधित जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने के आदेश दे दिया था। प्रदेश में विगत 2021 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में फरसाटार ग्रामपंचायत का प्रधान पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था। इस सीट पर जफरुल हक ने जीत दर्ज किया था। इसके लिए जफरुल ने स्वयं को शेख सरवरी/पिराई जाति का बताकर तहसीलदार स्तर से जाति प्रमाण पत्र संख्या 4602 दिनांक 24 सितंबर 2005 जारी कराया था। इस प्रमाण पत्र चुनाव में दूसरे स्थान पर आए रामाशीष चैहान और प्रधान पद के एक अन्य प्रत्याशी समीर मौर्य ने 3 जून 2021 को चुनौती दिया और तहसील से लेकर जिलास्तरीय अधिकारी को शिकायती पत्र देकर विजयी प्रधान के जाति प्रमाण पत्र के जांच की मांग किया था। शिकायतकर्ता रामाशीष चौहान और समीर मौर्य के अनुसार जफरुल हक शेख जाति के सामान्य है।

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