बलियाः जनपद बलिया के बिल्थरारोड विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर प्रवीण प्रकाश ़बागी तेवर अपनाते हुए बसपा में शामिल हो गए। प्रवीण प्रकाश को बसपा ने शनिवार को बिल्थरारोड सीट से अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। प्रवीण प्रकाश ने पाला बदल भाजपा को झटका दिया है। प्रवीण प्रकाश 2012 में सुभासपा प्रत्याशी के रुप में बिल्थरारोड विधानसभा से चुनाव लड़ चुके है और अपने पहले चुनाव में 35578 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे। 39 वर्षीय प्रवीण प्रकाश बिल्थरारोड विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उसकर गजीयापुर गांव के मूल निवासी है और बीटेक इंजीनियर है। इनके पिता सुरेश राम उ.प्र. विद्युत वितरण लिमिटेड वाराणसी के एमडी रहे है किंतु कोरोनाकाल में उनका निधन हो गया।
भाजपा से टिकट कटते ही बसपा से संपर्क बढ़ने की तेज थी अटकलें
भाजपा से टिकट न मिलने पर प्रवीण प्रकाश के बसपा में संपर्क बढ़ने के पहले ही राजनीतिक अटकलें तेज थी। शनिवार को बसपा से बिल्थरारोड विधानसभा सीट के लिए प्रवीण प्रकाश को प्रत्याशी घोषित किया गया। इसके साथ ही बसपा की यहां से मजबूत प्रत्याशी मिलने की तलाश पूरी हो गई। हालांकि इस बार वे भजपा के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे किंतु अंत समय में पार्टी में शामिल हुए बसपा नेता छट्ठू राम पर भाजपा ने अपना दांव चला तो प्रवीण प्रकाश ने अपना राजनीतिक कैरियर बचाने के लिए बसपा में शामिल होकर बीजेपी को चुनावी चुनौती दे डाली। अब वे हाथी पर सवार होकर कमल को रौंदने की जंग में कूद चुके है।
तीन भाई और एक बहन में बड़े है प्रवीण
प्रवीण प्रकाश अपने तीन भाई इं. प्रवीण प्रकाश सिंह, यतेंद्र कुमार और आशुतोष कुमार एवं एक बहन अंजली कुमारी में सबसे बड़े है। प्रवीण प्रकाश बीटेक इलेक्ट्रानिक्स से इंजीनियर है और हिंदुस्तान टेली सर्विसेज लखनऊ के एमडी है। दोनों अन्य भाई यतेंद्र कुमार और आशुतोष कुमार भी बीटेक कर चुके है। इनके दादा स्व. संपत राम अपने गांव उसकर गजीयापुर में एक दशक तक प्रधान रहे और बाद में इनकी चाची सुमन देवी भी गांव की प्रधान रही।
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