






बलिया में पंचायत सहायक यूनियन की जिला कार्यकारिणी का हुआ गठन, पंचायत सहायकों की मजबूती का संकल्प
जिलाध्यक्ष बने चंदन गिरी और राजन साहू को मिली जिला महामंत्री की जिम्मेदारी
बलिया: जिले के पंचायत सहायकों को संगठित करने और उनके अधिकारों की लड़ाई को मजबूत करने के लिए मंगलवार को ग्राम पंचायत बहेरी स्थित पंचायत भवन, चिंटू पांडे चौराहा पर पंचायत सहायक यूनियन बलिया की जिला कार्यकारिणी का गठन किया गया। इस मौके पर जिले के सभी 17 ब्लॉकों के ब्लॉक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पदाधिकारी और सैकड़ों पंचायत सहायक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
बैठक की अध्यक्षता संयुक्त राज्य कर्मचारी परिषद बलिया के जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे ने की। उन्होंने पंचायत सहायकों को संगठन के साथ मजबूती से जुड़ने का आह्वान किया और कहा कि पंचायत सहायकों से अपेक्षाकृत अधिक कार्य लिया जा रहा है, जबकि मात्र ₹6000 मानदेय में परिवार का भरण-पोषण करना बेहद कठिन है। उन्होंने पंचायत सहायकों की सेवा नियमावली, सुरक्षा और मानदेय वृद्धि को लेकर संघर्ष का भरोसा दिलाया।
परिषद के मंत्री विनोद मिश्रा ने नवगठित जिला कार्यकारिणी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि परिषद हमेशा पंचायत सहायकों के संगठन के साथ खड़ी रहेगी। वहीं, पंचायत संगठन के प्रांतीय महामंत्री संजय सिंह ने पंचायत सहायकों को ग्राम पंचायत की रीढ़ बताते हुए कहा कि इनके प्रयास से सरकार की योजनाएं तेजी से लाभार्थियों तक पहुँच रही हैं, लेकिन मानदेय बेहद कम है जिसे बढ़ाना ही होगा।
नवनिर्वाचित जिला कार्यकारिणी –
चंदन गिरी – जिलाध्यक्ष
कंचन यादव – वरिष्ठ उपाध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ)
राजन साहू – जिला महामंत्री
रुपेश सिंह – कोषाध्यक्ष
पिंटू राम – उपाध्यक्ष
अभिनय मिश्रा – संगठन मंत्री
बृजेश यादव – मीडिया प्रभारी
भारतेंदु निषाद – जिला सचिव
मजहर अली – जिला उपसचिव
कार्यक्रम का संचालन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल यादव ने किया। इस अवसर पर परिषद के मंडल अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी, नगर ब्लॉक अध्यक्ष पन्ना लाल यादव, नवानगर ब्लॉक अध्यक्ष तनमन सोहाव, सियर ब्लॉक उपाध्यक्ष आदर्श यादव समेत विभिन्न ब्लॉकों से आए पदाधिकारी, महिला पंचायत सहायक और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
भारी संख्या में जुटे पंचायत सहायकों की उपस्थिति ने स्पष्ट कर दिया कि अब पंचायत सहायक संगठित होकर अपनी मांगों के लिए संघर्ष करने को तैयार हैं।
बलिया में पंचायत सहायकों का यह संगठन आने वाले समय में जिले की पंचायती व्यवस्था और कर्मचारी आंदोलन में नई ऊर्जा और मजबूती का प्रतीक बनने जा रहा है।





