बलिया में गरजे गृहमंत्री अमित शाहः बिहार की राजनीति पर साधा निशाना
लोकनायक जेपी के जयंती समारोह में बाले गृहमंत्रीः कुर्सी पर बैठे है सत्ता के लिए पाला बदलने वाले
बलियाः लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर बिहार के हिस्से वाले उनके पैतृक गांव सिताबदियारा में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित किया। उन्होंने जेपी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट परिसर में जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा का लोकार्पण भी किया। इसके बाद जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बिहार की वर्तमान राजनीति पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए पाला बदलने वाले आज कुर्सी पर बैठे है। यह बिहार की जनता को तय करना है कि जेपी के रास्ते पर चलने वाली मोदी सरकार चाहिए कि सत्ता के लिए गठजोड़ कर सत्ता हथियाने वाले लोग चाहिए।
जेपी ने की थी गुजरात में इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत
उन्होंने कहा कि यूपी और बिहार की मिलन स्थान पर जेपी का जन्म हुआ था। जयप्रकाश नारायण का जीवन विशिष्ट रहा है। आजादी के लिए क्रांति के रास्ते भी लड़े। गांधी जी के बताए रास्ते पर भी चले। पूरा जीवन भूमिहीनों और दलितों-पिछड़ों के लिए गुजारा। जेपी का सबसे बड़ा योगदान सत्तर के दशक में देश में आपातकाल डाला गया तो उन्होंने आंदोलन किया। तब जेल भी गए। श्री शाह ने कहा कि मैं गुजरात से आता हूं। जहां से इंदिरा गांधी के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन का नेतृत्व जेपी ने किया। आपातकाल हटा तो विपक्ष को जेपी ने संगठित और एक किया। जेपी ने यह दिखाया कि परिवर्तन कैसे किया जाता है।
संपूर्ण क्रांति के नारे को आज मोदी ने सफल किया
देश में मोदी के नेतृत्व में सरकार चल रही है। वह आठ साल से जेपी के सर्वोदय के नारे को अंत्योदय के साथ जोड़कर देश का विकास किया। गरीब कल्याण की नई परम्परा जोड़ी है। ढाई साल तक हर गरीब को फ्री राशन देना हो या बिजली देना हो, मोदी जी ने दिया। हर गांव सड़क से जुड़ा। मैंने एक नारा सुना था, अंधेरे में एक प्रकाश, जयप्रकाश-जयप्रकाश। सम्पूर्ण क्रांति के नारे को मोदी ने सफल किया है।
जेपी आंदोलन से उपजे नेता आज सत्ता से चिपके है
1974 में जब जेपी ने बिहार में आंदोलन किया, तब सारी विचार धाराओं के छात्र एकत्रित हुए थे, जो जेपी का नाम लेकर जेपी आंदोलन से उपजे नेता आज सत्ता से चिपके हुए हैं, उनसे सहमत हैं क्या, इस पर लोगों ने ना में सिर हिलाया। बिहार के लोगों को तय करना होगा कि जेपी के रास्ते पर चलने वाली मोदी सरकार चाहिए कि सत्ता के लिए गठजोड़ कर सत्ता हथियाने वाले लोग चाहिए।
बिहार यूपी के कई मंत्री रहे मौजूद
समारोह में जयप्रकाश नारायण स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह मस्त, संजय जायसवाल, नित्यानन्द राय, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चैबे, राधामोहन सिंह, सांसद राजीव प्रताप रूड़ी, सुशील मोदी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, नीरज शेखर, यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, विनय कुमार व हरीश द्विवेदी समेत अनेक दिग्गज नेता मौजूद थे।