नगरपंचायत विस्तारः बदलते रहे अधिकारी, लेखपालों के यहां ही छ माह से अटकी है फाइल
घोर लापरवाहीः लेखपालों के अधूरे रिपोर्ट से नगर विस्तार की योजना अटकी
नगर विस्तार की फाइल में त्रुटि दुरुस्त करने को डीएम ने दिया था निर्देश
बलियाः लेखपालों के गलत और अधूरे रिपोर्ट के कारण जनपद बलिया के बेल्थरारोड नगरपंचायत विस्तार की फाइल फिलहाल छ माह से अटकी हुई है। डीएम ने प्रस्तावित फाइल में भूअभिलेख के अनुसार भूखंड का गाटा संख्या और आराजी नंबर में कई तरह की त्रुटि पाया था और इसे दुरुस्त करने के लिए पूरी फाइल को विगत सितंबर माह में वापस कर दिया था। जिसे दुरुस्त करने के लिए नगरपंचायत ने तहसील प्रशासन को भेज दिया किंतु विगत छ माह से यह फाइल अब तक सही रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जबकि इसके पूर्व भी नगरपंचायत विस्तार की फाइल लेखपालों के गलत रिपोर्ट के कारण दो बार वापस आ चुकी है। जबकि दो वर्ष तक कोरोनाकाल में इसकी फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। जबकि प्रदेश में कई नए नगरपंचायत का सृजन और दर्जनभर नगरपंचायत व नगरपालिका का विस्तार किया जा चुका है। बेल्थरारोड तहसील में अधिकारियों के सुपरविजन के अभाव में लेखपालों की मनमानीपूर्ण रवैया चरम पर है। जिसके कारण पिछले करीब चार वर्ष में कई एसडीएम बदल गए लेकिन लेखपालों का रवैया अब तक नहीं सुधर सका। पिछले करीब चार वर्ष से नगरपंचायत विस्तार की तैयार हो रही फाइल में लेखपालों की गलत रिपोर्ट के कारण कई बार त्रुटि सुधार किया जा चुका है। लेखपलों के अधूरे और गलत रिपोर्ट के कारण नगरपंचायत विस्तार की फाइल एक कदम आगे बढ़कर चार कदम पीछे खिसक जा रही है। जिससे आमजन में जबरदस्त नाराजगी है। आपको बता दें कि कुण्डैल नियामतअलि के नगर में मिलाओं संघर्ष समिति द्वारा नगर से सटे भूखंडों को नगर में शामिल करने की मांग पिछले चार साल से किया रहा है। नगरपंचायत के निवर्तमान चेयरमैन दिनेश गुप्ता के पहल पर तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक धनंजय कन्नौजिया ने भी शासन तक इस मांग को पहुंचाया था। जिसके बाद शासन की मांग पर ही नगर पंचायत के विस्तार प्रक्रिया की फाइल तैयार की जा रही है। इस बीच कोरोनाकाल में दो वर्ष तक इसकी फाइल अटकी रही और अब इस पर लेखपालों के गलत और अधूरे रिपोर्ट का ग्रहण सा लग गया है।
तहसील प्रशासन का नहीं मिला सहयोग, अटकी है फाइल
– नगरपंचायत के निवर्तमान चेयरमैन दिनेश गुप्ता ने बताया कि नगर विस्तार को लेकर उन्होंने खुब प्रयास किया। इसके लिए नए प्रस्तावित नक्शे को भी तैयार कर लिया गया लेकिन संबंधित पत्रावली को लेखपालों की गलत रिपोर्ट के कारण दो बार इसकी फाइल शासन को भेजने से पूर्व ही जिलाधिकारी कार्यालय से वापस लौट गई। लेखपालों के लापरवाही और तहसील प्रशासन के असहयोग के कारण नगरपंचायत विस्तार का सपना अब तक अधूरा है। लेकिन इसे पूरा अवश्य किया जायेगा।
इन क्षेत्रों को नगर में किया जाना है शामिल
– बिल्थरारोड नगरपंचायत विस्तार के लिए तैयार प्रस्ताव में क्षेत्र के बिठुआं सीयर, कुण्डैल नियामतअली का आंशिक भूखंड, रामपुर चंदायर, मसावं, अवायां का आंशिक भाग, चैकिया का आंशिक भाग पीडब्ल्यूडी सड़क से पश्चिम और इमिलिया व बीबीपुर का संपूर्ण भूखंडो को नगर में शामिल किया जाना है। इससे संबंधित राजस्व अधिकारियों की रिपोर्ट तहसील से मिलने के बाद नगरपंचायत द्वारा नगरंपचायत का विस्तार संबंधित नया प्रस्तावित नक्शा और पूरी पत्रावली तैयार कर ली गई है। विगत सन 2019 से ही नगर के आसपास के ग्रामिणों द्वारा क्षेत्र को नगर में शामिल करने की मांग किया जाता रहा है। जिसे गंभीरता से लेते हुए जुलाई 2019 में नगरपंचायत ने नगर विस्तार को लेकर प्रस्ताव बनाकर कार्रवाई शुरु कर दिया था किंतु तहसील प्रशासन के राजस्व टीम की सुस्ती और तहसील प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण पिछले करीब चार वर्ष में आज तक सही तरीके से एक रिपोर्ट तक तैयार नहीं हो सका।
नक्शे से ही गायब है रेलवे लाइन इस पार की इमिलिया और बीबीपुर के भूखंड
– बिल्थरारोड नगरपंचायत के नक्शे में इमिलिया मुहल्ला तो है किंतु रेलवे लाइन के पश्चिम का इमिलिया (बाहरी) का इलाका पूरी तरह से गायब है। जो आजादी के बाद से अब तक ग्रामपंचायत और नगरपंचायत के किसी भी भूअभिलेखों में दर्ज ही नहीं है। जिसके कारण यहां की करीब पांच सौ की आबादी का निवास प्रमाणपत्र भी नहीं बनता। कुछ ऐसी ही स्थिति बीबीपुर के आंशिक भाग का भी है। जिसका आधा हिस्सा नगरपंचायत में तो है किंतु शेष भूखंड न तो नगरपंचायत का हिस्सा है और न ही ग्रामपंचायत के नक्शे में शामिल है।