शत्रु संपति के सर्वे के लिए बलिया पहुंची प्रयागराज रक्षा और गृह मंत्रालय की टीम
तुर्तीपार में किया डिजिटल सर्वे, सहेजा भू अभिलेख
शत्रु संपति के सर्वे के लिए बलिया पहुंची प्रयागराज रक्षा और गृह मंत्रालय की टीम
तुर्तीपार में किया डिजिटल सर्वे, सहेजा भू अभिलेख
बलिया: देश में शत्रु संपत्ति अभिरक्षा के लिए सोमवार को प्रयागराज मंडल कार्यालय से रक्षा और गृह मंत्रालय की टीम बेल्थरारोड पहुंची। अधिकारियों की टीम ने संयुक्त रूप से तुर्तीपार में तीन अलग अलग शत्रु संपत्ति का स्थलीय निरीक्षण किया। जहां रक्षा मंत्रालय मंडल कार्यालय इलाहाबाद के उपमंडल अधिकारी अंकित यादव और गृह मंत्रालय के सर्वेक्षक अशोक सिंह ने डीजीएस (विभेदक ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम सर्वेक्षण) टीम के साथ संयुक्त रूप से डिजिटल मैपिंग किया। रक्षा मंत्रालय के उपमंडल अधिकारी अंकित यादव ने बताया कि बलिया जनपद के बेल्थरारोड तहसील में तुर्तीपार गांव में गाटा संख्या 506 का रकबा 0.1355 हे., गाटा संख्या 507 का रकबा 0.1335 हे. और गाटा संख्या 829 का रकबा 0.0890 हे. समेत कुल रकबा 0.3540 हेक्टेयर है। जिसका आज डिजिटल सर्वे किया गया है। साथ ही सभी तरह के भू अभिलेख संग्रह कर लिया गया है। उक्त संपति स्थानीय भू अभिलेख में कासिम पुत्र जुम्मन के नाम दर्ज था। जो देश विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए। उनकी संपति अब शत्रु संपत्ति घोषित है। इन संपत्ति को अभिरक्षा के बाद जल्द ही नीलाम किया जायेगा। गृह मंत्रालय सर्वेक्षक अशोक सिंह ने बताया कि यूपी में प्रयागराज मंडल के अंतर्गत करीब 32 जिला के शत्रु संपत्ति का सर्वे चल रहा है। मिर्जापुर में 72 और सोनभद्र में 5 रकबा के बाद बेल्थरारोड बलिया के शत्रु संपत्ति के तीन रकबा का सर्वे पूरा कर लिया गया है। इसके बाद देवरिया जनपद के सलेमपुर तहसील में 3 रकबा, गोंडा में दो रकबा, अमेठी में 20 और बहराइच में 64 रकबा का सर्वे होना है।
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राष्ट्र विभाजन के पश्चात जो लोग भारत से पाकिस्तान चले गए, उनकी संपत्तियों पर शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 के अनुसार भारत सरकार में निहित है। सन् 2017 के संशोधन के अनुसार ऐसी संपत्तियां जो पाकिस्तान के नागरिकों ने अपने वारिसों को जो यहां भारत में रह गए हस्तांतरित कर दी ऐसी संपत्तियां भी उनके वारिस से परिजन अपने हक में नहीं क्लेम कर पाएंगे और यह संपत्तियां भी शत्रु संपत्ति मानी जाएंगी। –अंकित यादव, उप मंडल अधिकारी, रक्षा मंत्रालय, प्रयागराज