अधूरी जानकारी से बचें, समग्र जानकारी लेकर राष्ट्रीय सोच विकसित करें छात्र
बेल्थरारोड एसडीएम दीपशिखा सिंह ने प्रश्नोत्तरी में दिए छात्रों के हर सवालों के जवाब
बलियाः जनपद बलिया के बेल्थरारोड तहसील सभागार में एसडीएम दीपशिखा सिंह की मौजूदगी में छात्रों संग एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जिसमें 2018 की पीसीएस एसडीएम दीपशिखा सिंह ने छात्रों के हर सवाल का जवाब सरलता से दिया। प्रश्नोत्तरी में क्षेत्र के सेंट जेवियर्स स्कूल और एमएमडी पब्लिक स्कूल के दर्जनों छात्रों ने एसडीएम से सफलता और छात्र जीवन से संबंधित कई तरह के प्रश्न किए। एसडीएम ने पूरी सहजता और इमानदारी से छात्रों के हर जिज्ञासा को शांत किया और एक अधिकारी के दायित्व और जिम्मेदारी से भी अवगत कराया। साथ ही छात्र जीवन में भटकाव से बचते हुए लक्ष्य प्राप्ति तक पूरी लगन और इमानदारी से पढ़ाई करने का संदेश दिया। उन्होंने इंटरनेट और सोशल साइट पर समय बर्बाद करने से बचने के लिए भी छात्रों को आगाह करते हुए कहा कि अधूरी जानकारी से कभी भी किसी निर्णय तक न पहुंचे और हर विषय या घटने सभी तथ्यों की समग्र जानकारी इकट्ठा करने के बाद एक राष्ट्रीय सोच विकसित करें।
पीसीएस दीपशिखा सिंह ने छात्रों को बताई एक अधिकारी की जिम्मेदारी
बच्चे हर जानकारी के लिए उत्सुक रहते हैं, उनके मन में कई ऐसे सवाल होते हैं, जिनका सही समाधान कक्षाओं में नहीं हो पाता। उनकी जिज्ञासा शांत करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के बीच सीधा संवाद ही सुलभ माध्यम है। सेंट जेवियर्स स्कूल पिपरौली बड़ागांव बेल्थरारोड व एमएमडी पब्लिक स्कूल ससना बहादुरपुर बेल्थरारोड के विद्यार्थियों ने उपजिलाधिकारी बेल्थरारोड दीपशिखा सिंह से प्रश्नोत्तरी में सीधे संवाद किया।
सेंट जेवियर्स स्कूल के बच्चों ने पूछे यह प्रश्न
प्रश्नः सिविल सेवा से पहले और सेवा के दौरान आमजन के प्रति व्यवहार कैसा होना चाहिए। विवेक प्रसाद, कक्षा 12
उत्तरः छात्र जीवन से लेकर सफलता तक आमज के प्रति व्यवहार सदैव सकारात्मक ही होना चाहिए। सिविल सेवा के दौरान भी समाज में फैले कुरीतियों और असमानता को दूर करने के लिए अपने अधिकारों का सदैव सकारात्मक सदुपयोग करना चाहिए।
प्रश्नः भ्रष्टाचार से विकास अवरुद्ध होता है। मोरबी हादसा भी भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही की वजह से हुआ। आप इसे कैसे देखती है! अमोलिका त्रिपाठी, कक्षा 12
उत्तरः छात्रों को किसी भी घटना पर समग्र जानकारी लेकर राष्ट्रीय सोच विकसित करना चाहिए। किसी भी दुर्घटना के पीछे बहुत से कारण होते है। अधूरी जानकारी से किसी निर्णय तक न पहुंचे। भ्रष्टाचार अपने आप में एक व्यापक शब्द है। इसलिए प्रत्येक बिंदुओं की जानकारी जरुर लें। एकतरफा न्यूज से व्यूज न बनाएं। लोकतंत्र में मीडिया ज्यादा प्रभावशाली है। जो विभिन्न घटनाओं और अधिकारों के प्रति समाज, सरकार और अधिकारी को जागरुक और सचेत करता है।
प्रश्नः कोरोनाकाल के बाद साफ सफाई के प्रति पूरी दुनिया में जागरुक हुई लेकिन तहसील में अभी भी गंदगी और दीवारों पर तंबाकू के दाग है, इसे आप क्या कहेंगी। शिवशंकर यादव, कक्षा 12
उत्तरः तहसील में जगह जगह कैमरा लगाया गया है। स्टाफ पर सीधे उनका नियंत्रण है लेकिन बाहरी लोगों के बीच जागरुकता का अभाव है। जिन्हें साफ सफाई और व्यवहार को लेकर काफी जागरुक होने की जरुरत है। स्वच्छता हर किसी की जिम्मेदारी है। इसकी शुरुआत भी हर किसी को खुद से करना चाहिए।
प्रश्नः विभागों में हर तरफ गंदगी, ऐसी दुव्र्यवस्था के बीच स्वयं को हम कैसे करें प्रेरितः ऋतिमा चैरसिया, कक्षा 9
उत्तरः हमें स्वच्छता सबसे पहले खुद से शुरु करना चाहिए। आसपास के स्थानों को भी साफ रखने की कोशिश करना चाहिए। गंदगी से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और अनेक बीमारियां होती है। आसपास गंदगी और बेपरवाह लोगों को देखकर स्वयं ही बेपरवाह नहीं होना चाहिए।
प्रश्नः लोकतांत्रिक देश में बहुत से भीखारियों के पास राशन तक नहीं है। ऐसी असमानता पर क्या कहेंगी। अंशिका उपाध्याय, कक्षा 9
उत्तरः सरकार कई तरह की योजनाएं बनाती है और इसे लागू करती है। सामाजिक कुरीतियों को भी खत्म करने का प्रयास किया जाता है। हमें अपने अधिकार जानने चाहिए, तभी हम किसी भी योजना का लाभ ले पायेंगे। लोकतंत्र में मीडिया सबसे ज्यादा प्रभावशाली है। जो लोगों को अपने अधिकार के प्रति जागरुक करती है।
प्रश्नः तहसील परिसर के दीवारों पर तंबाकू के दाग है और गंदगी है, इस पर अधिकारी के रुप में आपका क्या कहना है। शिवशंकर यादव, कक्षा 12
उत्तरः तहसील में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। तहसील के कर्मचारी गंदगी करते है तो उन्हें दंडित किया जाता है क्योंकि उन पर अधिकारी के रुप में उनका नियंत्रण है लेकिन आमजन द्वारा गंदगी फैलाने और स्वच्छता को लेकर लापरवाही बरतने पर उन्हें जागरुक किया जाता है। सभी दंडित नहीं किया जा सकता लेकिन उन्हें ऐसा न करने के लिए प्रेरित और जागरुक किया जाता है।
प्रश्नः सरकार अनेक योजनाएं तो बनाती है लेकिन इसके लाभ से अधिकांश क्षेत्र वंचित होता है। इससे कैसे निपटे। ऋचा कुमारी, कक्षा 12
उत्तरः हर नागरिक को अपने अधिकार जानने चाहिए। इसके लिए वे अपने नजदीक के तहसील या ब्लाक पर जाकर विकास योजनाओं की जानकारी भी ले सकते है।
प्रश्नः युवा इन दिनों नशा, तनाव, स्कूल बुलिंग और कई तरह के दबाव को झेल रहे है। इसे लेकर आपका क्या नजरिया है। शुभम राज, कक्षा 12
उत्तरः छात्रों को अपना आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए। इसमें स्कूल प्रशासन को भी विशेष ध्यान देना होता है। स्कूल में पढ़ाई के दौरान सिलेबस पूरा करने के दबाव के लिए प्रेशर कूकर जैसे हालात नहीं बनाने चाहिए। इसे लेकर स्कूल प्रशासन, शिक्षक और अभिभावक को विशेष सचेत रहने की जरुरत है और छात्रों को पढ़ाई की तरह पूरा करना चाहिए। किसी भी तरह के बुरे लत को अपने आत्मविश्वास से ही दूर रहा जा सकता है।
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एमएमडी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने पूछे यह प्रश्न
प्रश्नः इंटरनेट से बहुत जानकारी मिलती है लेकिन समय भी बर्बाद होता है, इसे कैसे मैनेज किया जाएं। सोनाली मिश्रा, 12
उत्तरः छात्र जीवन में इंटरनेट पर समय बर्बाद न करें। हर छात्र अपना समय सारणी जरुर बनाएं और उसे सख्ती से फालो करें। छात्र के लिए पर्याप्त 7 से 8 घंटे की नींद में कटौती कतई न करें। पढ़ाई कभी भी दबाव में नहीं करना चाहिए। लेकिन सफलता के लिए पढ़ाई ही एकमात्र रास्ता है।
प्रश्नः जीवन में सबसे ज्यादा मुश्किल क्या है सफलता या असफलता। सृष्टि गुप्ता, कक्षा 11
उत्तरः सफलता और असफलता दोनों को ही संभालना मुश्किल होता है। सफलता के बाद उसे बनाएं रखना और असफलता के बाद फिर से तैयारी के लिए मजबूती से आगे बढ़ने वाला ही सफल होता है। छात्र अति उत्साहित होते है और अक्सर असफलता से निराशा में चले जाते है। इससे बचना चाहिए। छात्रों पर दबाव भी नहीं देना चाहिए। पढ़ाई को प्रेशर कूकर न बनने दें। अनुशासन के साथ लक्ष्य को प्राप्त करने तक टिके रहे।
प्रश्नः जीवन में अपने अनुभवों को ज्यादा महत्व दें या गुरुजनों को! ऋषभ प्रकाश गुप्ता, कक्षा 11
उत्तरः महत्व दोनों का है लेकिन गुरुजन के पास अनुभव ज्यादा होता है। गुरुजनों के मार्गदर्शन से लक्ष्य आसान होता है।
प्रश्नः पढ़ाई के दौरा रुटीन प्लान और इसे दैनिक जीवन में लागू करने के बीच में अक्सर बढ़ते अंतर की समस्या से कैसे निपटे। खुशी गुप्ता, कक्षा 12
उत्तरः छात्र को अपनी प्राथमिकताओं के हिसाब से ही रुटीन प्लान बनाना चाहिए और अपनी क्षमता से अधिक डेली रुटीन की प्लानिंग करनी ही नहीं चाहिए। दैनिक रुटीन में नींद के साथ किसी तरह का समझौता न करें। यह बहुत जरुरी है। छात्र के लिए 7 से आठ घंटा सोना जरुरी है। इसमें लापरवाही हुआ तो पूरे दिन किसी कार्य में मन नहीं लगता और हर कार्य प्रभावित होता है। साथ ही रुटीन के किसी भी कार्य को स्थगित या टालना नहीं चाहिए। उसे हर हाल में समय पर निपटाएं तो ही सफलता संभव है।
प्रश्नः लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें और इस पर ध्यान क्रेंदित कैसे करें। अजीम खान कक्षा 11
उत्तरः अपने लक्ष्य के प्रति अपना आत्मविश्वास मजबूत रखें। आपको नकारात्मकता की तरफ ले जाने वाले की बातों का कतई ध्यान न दें। आपसे नहीं होगा, ऐसा कहने वालों को दृढता से जवाब दें कि मुझसे ही होगा और उसे कर के दिखाएं।
प्रश्नः अपने कैरियर में अनुशासन को कैसे बनाएं रखे। प्रदीप कुमार, कक्षा 12
उत्तरः कैरियर में सबकुछ अनुशासन ही है। इसी का सारा खेल है। जितना अनुशासित रहेंगे, उतना ही सफलता आसान होगा। बहुत दबाव में भी न रहें।
प्रश्नः लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्लान ए और प्लान बी के बीच में कभी कभी भ्रम की स्थिति हो जाती है कि किस रास्ते को अपनाएं। ऐसे में क्या करना चाहिए। आकृति मौर्या, कक्षा 12
उत्तरः छात्रों को अपने लक्ष्य के प्रति हार्ड वर्क करना चाहिए और सदैव प्लान ए को मजबूत बनाना चाहिए। ताकि प्लान बी की जरुरत ही न पड़े।
प्रश्नः एसडीएम बनने में आपको कैसी परेशानी झेलनी पड़ी। अनामिका गुप्ता, कक्षा 11
उत्तरः बहुत ही सामान्य छात्र रही हूं लेकिन पढ़ाई और लक्ष्य के प्रति सदैव जिद्दी रही हूं। जिद्द हमेशा लक्ष्य के प्रति सकारात्मक रहना चाहिए। खुद पर भरोसा रखें। लक्ष्य प्राप्ति में जो हमें मदद करें, उनकी बातों को ध्यान से सुनन चाहिए। प्रतियोगिता में भीड़ से कभी न डरें। क्योंकि भीड़ में 90 प्रतिशत छात्र गंभीर नहीं होते है। 10 फिसदी के साथ ही सही मायने में कंपटिशन होता है।
इन विद्यार्थियों ने भी पूछे प्रश्न
सेंट जेवियर्स स्कूलः कोमल साहनी, दीप्ती सिंह, इश्रीता बरनवाल, प्रियांशु गिरी, आयुश कुमार वर्मा, महिमा शर्मा, सौरभ कुमार, जोया फैसल, अनन्या यादव, अनुष्का यादव, मुस्कान, श्रेया चैहान व अंकुर पटेल।
एमएमडी पब्लिक स्कूलः शिवांगी तिवारी, श्रृष्टि यादव, अनंतिका सिंह, स्वप्नील गुप्ता, शशांक दुबे, ऋषभ पांडेय, संजय गोंड, विशाल यादव, विपिन यादव, मो. शकीब, मो. शहजाद और ।
उपजिलाधिकारी ने दिए सफलता के यह मंत्र
हर सफल इंसान के सफलता की कहानी और चुनौतियां अलग अलग होती है। परिस्थिति के अनुसार इससे उबरने का तरीका भी सभी का अपना अलग अलग तरीका होता है। लेकिन सफल होने के लिए सेल्फ कांफिडेंस, सेल्फ डिसिप्लीन और सेल्फ मोटिवेशन जरुरी है। लक्ष्य को लेकर जितना ज्यादा स्पष्ट रहेंगे, उतना ही सफलता आसान होगी। जब भी बेहतर मंच मिले, अपनी बात निसंकोच रखनी चाहिए। लेकिन मोटिवेशन के लिए यू ट्यूब का प्रयोग कतई नहीं करना है।