कोर्ट में मुअक्किल बना रहा था विडियो, हंगामे के बाद न्यायालय स्थगित
तहसीलदार कोर्टः सुनवाई के फाइलों को ऊपर नीचे करने को लेकर भिड़े अधिवक्ता
बलियाः यूपी के बलिया जनपद में तहसीलदार कोर्ट के दौरान सोमवार को एक मुअक्किल (वादकारी) विडियो बना रहा था। जिसका विरोध करने को लेकर अधिवक्ता ही आपस में उलझ गए। जिसके कारण मचे हंगामे के कारण तहसीलदार ने कोर्ट का कार्य स्थतिगत कर दिया। हंगामे के बाद अधिवक्ताओं के बीच तनाव की स्थिति बनी रही। जबकि विडियो बनाने वाला मुअक्किल मौका देखकर तहसील परिसर से निकल गया।
तहसीलदार कोर्ट के दौरान अचानक भिड़े अधिवक्ता
तहसीलदार ओपी पांडेय द्वारा न्यायालय की कार्रवाई की जा रही थी। इस बीच फाइलों को ऊपर नीचे करने को लेकर दो अधिवक्ता आपस में उलझ गए। वरिष्ठ अधिवक्ता और बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष लक्ष्मण पांडेय ने न्यायालय में तहसील बार एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष सरफराज अहमद पर वाद संबंधित फाइलों के क्रम को मनमुताबिक नीचे करने का आरोप लगाया।
बोले वरिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मण पांडेय
बताया कि राजस्व संहिता 209 तजबीसानी संबंधित देवेंद्र बनाम मनोरमा की फाइल 22 नंबर पर लगी थी किंतु एसोसिएशन अध्यक्ष ने अपना प्रभाव जताते हुए पेशकार पर दबाव बनाकर जबरन फाइल को 66वें नंबर पर लगा दिया। जिसे लेकर लक्ष्मण पांडेय ने नाराजगी जताई तो तहसीलदार न्यायालय में अधिवक्ताओं के दो गुट में बहस होने लगी। इस बीच उक्त फाइल संबंधित मुअक्किल ने अधिवक्ताओं के हंगामे का विडियो बनाने लगा। जिसके बाद उग्र हुए अधिवक्ताओं के साथ आरोपी मुअक्किल के बीच धक्का मुक्की हुआ। जिसके कारण हो रहे हंगामे से नाराज तहसीलदार ने कोर्ट का कार्य स्थगित कर दिया और दोपहर डेढ़ बजे ही न्यायालय से उठकर अपने चेंबर में चले गए।
अध्यक्ष सरफराज अहमद ने कहा कि अधिवक्ताओं के बीच तकरार सामान्य बात
तहसील बार एसोसिएशन अध्यक्ष सरफराज अहमद ने बताया कि न्यायालय में वाद की पैरवी को लेकर अधिवक्ताओं के बीच तकरार होना सामान्य बात है। कोर्ट में विडियो बनाने के आरोप को लेकर अधिवक्ता लक्ष्मण पांडेय ने बताया कि उनके मुअक्किल के मोबाइल पर विडियो काल से बात हो रही थी। जिसे लेकर अधिवक्ताओं में विडियो बनाने का भ्रम हो गया। जिसके कारण कुछ अधिवक्ताओं ने उग्र नाराजगी जताई।
अधिवक्ताओं के हंगामे के कारण स्थगित हुआ कोर्टः तहसीलदार
तहसीदार ओपी पांडेय ने बताया कि शुक्रवार को न्यायालय नियमित तरीके से संचालित हो रहा था किंतु इस बीच किसी बात को लेकर अधिवक्ताओं के बीच बकझक के कारण उन्हें डेढ़ बजे ही स्थगित करना पड़ा।