स्कूल में मौत का करंट: खेलते-खेलते पोल से चिपके दो मासूम
प्रधानाचार्य ने जान पर खेलकर बचाई बच्चों की जिंदगी! एक गंभीर, मऊ रेफर

स्कूल में मौत का करंट: खेलते-खेलते पोल से चिपके दो मासूम, प्रधानाचार्य ने जान पर खेलकर बचाई बच्चों की जिंदगी! एक गंभीर, मऊ रेफर
बिजली विभाग की लापरवाही से मचा हड़कंप, अधिकारियों में भगदड़, दो शिक्षक मिले गायब
बलिया: जनपद बलिया अंतर्गत बेल्थरारोड तहसील के सीयर शिक्षा क्षेत्र के चक इमिलिया प्राथमिक विद्यालय में शनिवार दोपहर उस वक्त कोहराम मच गया, जब खेलते-खेलते दो मासूम छात्र अचानक बिजली के झटके से तड़प उठे। स्कूल परिसर में लगे खतरनाक विद्युत पोल पर लटक रहे नंगे तार ने देखते-ही-देखते बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। दोनों छात्र वहीं जमीन पर गिर पड़े , एकदम झुलसे हुए। चीख-पुकार मच गई। कुछ पल के लिए पूरा विद्यालय भय और अफरातफरी का मैदान बन गया।
हादसे में कक्षा 4 के छात्र दीपांशु राजभर (9) और विवेक राजभर (9) झुलस गए। दोनों आपस में चचेरे भाई बताए जा रहे हैं। मौके पर बच्चों की चप्पलें तक बिखरी पड़ी थीं। विवेक की हालत नाजुक होने पर उसे गंभीर स्थिति में मऊ रेफर किया गया है।
प्रधानाचार्य ने दिखाई बहादुरी — खुद करंट खाकर भी बचाया बच्चों को
बच्चों की चीख सुनकर विद्यालय की प्रधानाचार्या सुमन सिंह दौड़ पड़ीं। बिना देर किए उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर दोनों छात्रों को तार से अलग किया। इस दौरान उन्हें भी करंट का हल्का झटका लगा और वे कुछ देर के लिए अचेत हो गईं। उन्हें भी सीयर सीएचसी में भर्ती कराया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि प्रधानाचार्या ने हिम्मत न दिखाई होती, तो दोनों मासूमों की जान बचना मुश्किल था।
बिजली विभाग की लापरवाही उजागर
गांव के लोगों का कहना है कि स्कूल की चारदीवारी तक नहीं बनी है, और उसी परिसर में विद्युत पोल खड़ा है, जिस पर जगह-जगह से फटे और नंगे केबल लटक रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग की लापरवाही से पोल पर करंट उतर आया और यह हादसा हो गया।
सभासद नैय्यर अहमद ने बताया कि वे कई बार इस पोल को हटाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन विभागीय अफसरों ने आंख मूंद रखी है। उन्होंने कहा — “यह तो मौत को न्योता देने जैसा था, आज बच्चे बचे हैं, कल पता नहीं कौन शिकार हो जाए।”
घटना के बाद अफसरों में मचा हड़कंप
घटना की सूचना मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार चौबे और अन्य अफसर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने माना कि हादसे की वजह बिजली विभाग की घोर लापरवाही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
जांच में खुलासा हुआ कि तैनात पांच शिक्षकों में से दो बिना सूचना के गायब मिले, जबकि एक छुट्टी पर थी। केवल प्रधानाचार्या और सहायक अध्यापक रश्मि गुप्ता मौके पर मौजूद थीं।
“नहीं बख्शे जाएंगे दोषी” — एसडीआई चौबे
एसडीआई चौबे ने सख्त लहजे में कहा — “स्कूल परिसर में बिजली के खुले तार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। जिम्मेदार शिक्षक और बिजली विभाग के अफसर, दोनों पर कार्रवाई तय है।”
उन्होंने बताया कि हादसे के समय बच्चे भोजन के बाद खेल रहे थे और एक ही कमरे में कक्षा 3 व 4 की पढ़ाई चल रही थी।
गांव में दहशत का माहौल
घटना के बाद पूरे गांव में मातम जैसा सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीणों में आक्रोश है कि सरकारी स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। लोगों ने कहा कि अगर बिजली विभाग ने समय रहते पोल की मरम्मत कराई होती, तो यह हादसा टल सकता था।








