वाराणसीः काशी में रक्तदान और प्लेटलेट्स दान को बढ़ावा देने के लिए आज स्वैक्षिक रक्तदाता दिवस पर वर्चुअल बैठक हुआ। इसमें संरक्षक प्रदीप इसरानी (सेंचुरियन), नीरज पारिख (हाफ सेंचुरियन) के निर्देशन में कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में वाराणसी के अलावे रेनुकूट और भदोही के सक्रिय संस्थाओं को फाउंडर के रूप में जोड़ा गया है।
राजेश मद्धेशिया बने संस्थापक अध्यक्ष और संस्थापक सचिव हुए नमित पारिख एवं रोहित साहनी
वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से के आर के वाराणसी से संस्थापक अध्यक्ष का दायित्व राजेश मद्धेशिया को मिला। जबकि संस्थापक सचिव क्रमशः नमित पारिख (के आर के) एवं रोहित साहनी (बनारसी इश्क) बनाएं गए। संस्थापक कोषाध्यक्ष दिलीप दुबे (प्रयास फाउंडेशन – रेनुकूट), संस्थापक उपाध्यक्ष सर्वेश शुक्ला (शिवन्या फाउंडेशन – भदोही), संस्थापक उपाध्यक्ष प्रशांत गुप्ता (के आर के), संस्थापक सह सचिव – धीरज मल्ल (के आर के), संस्थापक सह सचिव वेद प्रकाश गुप्ता (वाराणसी इश्क), संस्थापक कोर सदस्य – जयंत अग्रवाल (बनारसी इश्क), संस्थापक कोर सदस्य- शिवम गुप्ता (के आर के) को दायित्व सौंपा गया।
वाराणसी में ऐसी हो व्यवस्था कि रक्तदान और प्लेटलेट्स के अभाव में न टूटे किसी की सांस
पूर्वांचल का मेडिकल हब वाराणसी है। अतः पूर्वांचल में रक्तदान शिविर आयोजित करने वाले संस्थाओं के माध्यम से आने वाले ब्लड रिक्वेस्ट को यह टीम फूलफील करायेगी। जुड़ने और सहयोग के प्राप्त करने के लिए संगठन ने कुछ मानक तय किया है जो इस प्रकार है। संस्थाओं को साल में कम से 4 रक्तदान और 4 प्लेटलेट्स दान शिविर लगवाना अनिवार्य होगा। रक्तदान वह अपने जनपद में करायेंगे तथा प्लेटलेट्स दान का शिविर वह होमी भाभा कैंसर अस्पताल या पंडित महामना मालवीय जी कैंसर अस्पताल में लगाएंगे। संगठन का मूल उद्देश्य यही है कि रक्त के कमी के कारण किसी की जान न जाएं।