भाई को राखी बांधने बेल्थरारोड डिपो से रक्षाबंधन पर 5 हजार महिलाएं हुई रवाना
बलिया के लिए नहीं चली बस, दोपहर तक खड़ी रही डिपो की 16 बसें, महिला यात्री परेशान
भाई को राखी बांधने बेल्थरारोड डिपो से रक्षाबंधन पर 5 हजार महिलाएं हुई रवाना
बलिया के लिए नहीं चली बस, दोपहर तक खड़ी रही डिपो की 16 बसें, महिला यात्री परेशान
बलियाः यूपी में योगी सरकार द्वारा रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए 48 घंटे निशुल्क बस सेवा की घोषणा का महिलाओं ने भरपूर लाभ उठााया और अपने भाईयों के कलाई पर रवाना होने के लिए अकेले बलिया जनपद के बेल्थरारोड डिपो की विभिन्न बसों से लगभग 5 हजार महिलाओं ने यात्रा की। 30 अगस्त को कुल 2426 महिलाओं ने डिपो की बसों से यात्रा किया। जबकि 31 अगस्त को लगभग 26 सौ महिलाओं ने बसों से यात्रा की। बेल्थरारोड डिपो की बस से बलिया, रसड़ा और लोकल के अलावा, कानपुर, दिल्ली तक महिलाएं रवाना हुई और अपने भाई के कलाई पर राखी बांधकर बस से ही वापस लौट आई। हालांकि बलिया की बसें यहां से कम होने के कारण महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बलिया डिपो और अनुबंधित बसें तो जिला मुख्यालय के लिए चलाई गई लेकिन बेल्थरारोड डिपो से जिला मुख्यालय की बसों का टोंटा रहा। जिसके कारण गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक यहां अकेले बेल्थरारोड डिपो की कुल 16 बसें खड़ी रही। योगी सरकार के फरमान के बावजूद बेल्थरारोड डिपो पर महिलाओं के लिए यात्री सुविधा से ज्यादा अपनी कमाई पर फोकस रहा। जिला मुख्यालय जाने के लिए बस के अभाव में बड़ी संख्या महिलाएं घंटों यहां खड़ी रही लेकिन अनुबंधित और बलिया डिपो की छोड़ स्थानीय डिपो की एक भी बस यहां से वाया नगरा, रसड़ा, वाया नगरा गड़वार या वाया सिकंदरपुर के रास्ते जिला मुख्यालक तक नहीं भेजी गई। जिसके कारण महिलाओं को यात्रा में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
– चालक, परिचालक के अभाव में खड़ी रही बसें
बेल्थरारोड रोडवेज डिपो के एआरएम अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि चालक और परिचालक की कमी के कारण करीब 9 बसें यहां खड़ी करना मजबूरी हो गई। चालकों से दबाव में ओवर ड्यूटी नहीं लिया जा सकता। अधिकांश बसें दोपहर बाद कानपुर और गोरखपुर के लिए रवाना होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की निशुल्क यात्रा के बावजूद 30 अगस्त को डिपो की आय रिकार्ड 2 लाख 31 हजार 721 रुपया रहा। एआरएम ने जिला मुख्यालय के लिए बस के अभाव में महिला यात्रियों को परेशान होने की बात से सीधे इंकार किया।