जर्जर भागलपुर पुल पर बाइक से रवाना हुए कृषि मंत्री और सांसद
तुर्तीपार भागलपुर पुल के मरम्मत के कारण लगा है बैरिकेटिंग

बलियाः जनपद बलिया के बेल्थरारोड में सरयू पर बने जर्जर तुर्तीपार भागलपुर पुल पर सोमवार की शाम प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और सलेमपुर सांसद रविंद्र कुशवाहा को बाइक से जाना पड़ा। जिससे अधिकारियों में हड़कंप मच गया। यहां भागलपुर पुल के मरम्मत के लिए भारी और छोटे वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दिया गया है।
बाइक से रवाना हुए कृषि मंत्री और सांसद
सोमवार की देर शाम करीब सात बजे जब कृषि मंत्री का काफिला बलिया से देवरिया की तरफ जा रहा था तो भागलपुर पुल के पहले ही लगे लोहे के बैरिकेटिंग के कारण उनका काफिला रुक गया। यहां अधिकारियों से वार्ता के बाद मंत्री जी तत्काल बाइक पर सवार हुए और सांसद भी दूसरे बाइक पर बैठे। जिसके बाद सभी अधिकारियों की सुरक्षा में बाइक से ही नदी पर बने पुल को पार किया।
17, 18 और 20 एवं 21 अक्टूबर को बंद रहेगा वाहनों का आवागमन
17 और 18 अक्टूबर एवं 20 और 21 अक्टूबर को इस पुल पर दोपहिया वाहनों को छोड़कर हर तरह के वाहनों की पूरी तरह से नो इंट्री रहेगी। इसके लिए उ.प्र. राज्य सेतु निगम लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक एसपी सिंह की पहल पर देवरिया प्रशासन से अनुमति मिल गई है। पुल निर्माण निगम की माने तो पुल पर वाहनों का लोड बढ़ गया है। जिसके कारण पुल के कमजोर स्पर के नीचे बेरिंग पटल पर एक्सपेंशन ज्वाइंट लगाया जा रहा है।
स्कूली वाहन बंद होने से आनलाइन क्लास के भरोसे हुए छात्र
वाहनों के आवागमन बंद होने की खबर मिलते ही विशेषकर स्कूल वाहन चालकों और बड़े व्यापारियों में खलबली मची है। स्कूल प्रशासन ने अपने अपने वाहनों के इस पुल से आवागमन बंद होते हुए इस क्षेत्र के छात्रों के लिए आनलाइन क्लास शुरु कर दिया है।
पिछले साल भी सात माह बंद था पुल पर आवागमन
पिछले जनवरी माह से करीब सात माह तक पुल मरम्मत के लिए लगातार वाहनों की इंट्री बंद होने पर भी लोगों की जबरदस्त फजीहत हुई थी और अब एकबार फिर चार दिन के लिए पुल पर वाहनों की इंट्री बंद करने की तैयारी से जबरदस्त खलबली मचा हुआ है। आपको बता दे कि भागलपुर पुल पर देवरिया की तरफ का दो स्पर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था और पुल का 12वां पाया नदी की तरफ करीब दो से तीन फीट तक नीचे दब गया है। जिसके कारण इसके मरम्मत के लिए जनवरी माह से अगस्त माह तक भारी वाहनों का आवागमन रोका गया था। पुल के नीचे बेयरिंग बदले गए थे। पुल के मरम्मत के दौरान जर्मनी से मंगाए गए एसटीयू (शार्ट ट्रांसमिशन यूनिट) भी लगाएं गए थे।
21 वर्ष में कई बार हो चुकी है मरम्मत, लाखों हुए खर्च
करीब 1185 मीटर लंबे इस भागलपुर पुल का निर्माण दिसंबर 2001 में पूरा हुआ था और महज 21 वर्ष में ही इसका करीब आधा दर्जन बार मरम्मत किया जा चुका है और हर बार इसके मरम्मत के लिए कई लाख रुपया खर्च हो चुका है।