तहसील अधिवक्ता एसोसिएशन के चुनाव पर बार कॉन्सिल ने लगाया रोक, बोर्ड की हुई आपात बैठक
विवादित एल्डर्स कमेटी हुआ भंग

नए सिरे से एल्डर्स कमेटी गठन और चुनाव कराने की प्रक्रिया होगी शुरू
बलिया: जनपद बलिया के बेल्थरारोड में मंगलवार को होने वाले तहसील अधिवक्ता एसोसिएशन के चुनाव पर बार कॉन्सिल ने अचानक रोक लगा दिया है। जिससे अधिवक्ताओं में हड़कंप मच गया। यहां 30 मई को चुनाव की तैयारी पूरी थी। बार काउंसिल के निर्देश के बाद सोमवार को आनन फानन में तहसील अधिवक्ता एसोसिएशन के बोर्ड की आपात बैठक की गई। जिसमें जमकर हंगामा हुआ। अध्यक्ष सरफराज अहमद की अध्यक्षता में हुए बैठक में काफी मंथन के बाद तहसील बार एसोसिएशन का चुनाव फिलहाल निरस्त कर दिया गया। साथ ही वर्तमान गठित एल्डर्स कमेटी को भंग कर दिया गया। साथ ही नए सिरे से एल्डर्स कमेटी गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। एल्डर्स कमेटी के गलत तरीके से हुए चयन प्रक्रिया के आरोप पर भी चर्चा की गई। बार काउंसिल द्वारा स्थानीय तहसील अधिवक्ता एसोसिएशन के कई गतिविधि पर किए गए टिप्पणी को लेकर अधिवक्ताओ में जबरदस्त हड़कंप मचा रहा। बैठक में कार्यवाहक अध्यक्ष सरफराज अहमद, मंत्री महेंद्र यादव, अनिल पाठक, पंकज पांडे, संजय पासवान, शमीम खान, अनिल यादव और देवानंद चौहान समेत अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।
बेल्थरारोड के नौ अधिवक्ता किसी और बार संघ के है सदस्य
– बेल्थरारोड के वरिष्ठ अधिवक्ता रामप्यारे सिंह और परवेज कमाल पाशा के शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बार काउंसिल ने बेल्थरारोड के नौ अधिवक्ता को वन बार वन वोट सिद्धांत के विपरित पाया है। जिन पर आरोप लगाया गया है कि बेल्थरारोड तहसील में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता शौकत अली, वीर बहादुर राम, सहती राम, अभय नारायण चौबे, पंकज कुमार पांडे, सविता सिंह पटेल, अमल कुमार श्रीवास्तव, मो. मुजाहिद और चंद्रमणि बेल्थरारोड के सदस्य नहीं है बल्कि वे किसी अन्य बार संघ के सदस्य है। हालांकि कई अधिवक्ताओं ने इस आरोप को गलत और निराधार बताया है।