बलिया में पुत्री को बचाने में अंधे पिता की गई जान
करंट से झुलसी पुत्री ने बताया दर्दनाक हादसा

पंखे के करंट से चीखती पुत्री को बचाने में गई अंधे पिता की जान, ग्रामीणों की जुटी भीड़
किशोरी का दोनों हाथ झुलसा, परिजनों में मचा कोहराम
दाह संस्कार के लिए ग्रामिणों ने जुटाया चंदा
बलियाः जनपद बलिया के उभांव थाना के कड़सर ग्राम में बिजली के करंट से चिखती बेटी को बचाने में अंधे पिता घनश्याम पाल उर्फ घूरा (45) की मौत हो गई। जबकि उनकी पुत्री कल्पना (12) गंभीर रूप से झुलस गई। देर शाम हुई घटना की जानकारी से रविवार की सुबह ग्रामिणों की भीड़ जुट गई। पीड़िता ने रविवार को ग्रामिणों के बीच हादसे की आपबीती बताई तो हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। करंट लगने पर कल्पना चिल्लाई, पापा बचाओ और पापा ने खुद की जान देकर अपनी बेटी को बचा लिया। हादसे के बाद पत्नी बेबी पाल, उनकी दो पुत्री और एक पुत्र के भरण पोषण का एकलौता सहारा अंधे पिता का साथ भी अब परिवार से छूट गया है। कल्पना का करंट लगने से दोनों हाथ और दायां पैर झुलस गया है। रविवार को पुलिस द्वारा मृतक के शव का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। इधर ग्रामिणों ने मृतक के दाह संस्कार के लिए चंदा जुटाया। मृतक दोनों आंख से अंधा था और किसी तरह गांव में भीक्षाटन कर घर परिवार का भरण पोषण करता था। घटना के समय कल्पना घर में टेबल पंखे के पास बंधे बकरी को निकालने गई थी। इस बीच वह टेबल पंखे में आई करंट की चपेट में आ गई। करंट के झटके से कल्पना की चीख सुन उसके अंधे पिता उसे बचाने पहुंचे। जिसने अपनी बेटी को तो बचा लिया किंतु करंट लगने से उनकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी बेबी पाल, दो पुत्री और एक पुत्र का रो रोकर बुरा हाल है। मृतक दोनों आंख से अंधा है और किसी तरह गांव में भीक्षाटनकर घर परिवार का भरण पोषण करता था।