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बलिया में विद्युत उपकेंद्र में वर्षो रहा भूमि का टोटा और अब आस्था का अटका रोड़ा

निर्माण के लिए पहुंची आजमगढ़-बलिया की टीम ग्रामिणों ने किया विरोध, मांगी सुरक्षा

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बलियाः जनपद बलिया के बेल्थरारोड में 132/33 केवीए का विद्युत उपकेंद्र निर्माण के लिए पहुंची अधिकारियों की टीम का देर शाम ग्रामिणों ने विरोध किया। जिसके कारण अधिकारियों ने आज एसडीएम से सुरक्षा की मांग किया है। बेल्थरारोड में 132/33 केवीए विद्युत उपकेंद्र निर्माण के लिए वर्षो से भूमि का टोटा रहा है। कई गांवों में इसके लिए सर्वे हो चुका है। लेकिन इसके लिए आबादी से दूर जमीन सिसैंड गांव में पर्याप्त भूमि मिली तो ग्रामिणों ने आस्था का रोड़ा डाल दिया। धार्मिक आस्था का हवाला देकर ग्रामिणों के मौके पर जुटी भीड़ और विरोध के कारण आजमगढ़ और बलिया के विद्युत विभाग के अधिकारियों को बैरंग ही लौटना पड़ा। जिसके कारण एकबार फिर इस परियोजना के अधर में लटकने का संकट गहरा गया है। हालांकि अब देखना है कि अधिकारी इसे लेकर क्या एक्शन लेते है।
डंबर बाबा की परती पर बनेगा 132 केवीए का विद्युत उपकेंद्र, आजमगढ़ से पहुंची टीम
बलियाः बेल्थरारोड में लंबे समय से प्रस्तावित 132/33 केवीए विद्युत उपकेंद्र निर्माण हेतु भूमि के लिए कई गांवों में भटकने के बाद अधिकारियों ने डंबर बाबा की परती के पास ही इस परियोजना के लिए स्थान का चयन किया है। इसके लिए भवन निर्माण से पहले कार्यदेयी संस्था संग आजमगढ़ विद्युत सिविल एसडीओ एसके श्रीवास्तव, बलिया विद्युत ट्रांसमीशन एसडीओ ब्रजेश कुमार, जेई अमन कुमार और जेई नवीन कुमार समेत अनेक अधिकारियों की टीम यहां मृदा परीक्षण (स्वाइल टेस्टिंग) के लिए पहुंचे। लेकिन आसपास के ग्रामिणों ने 52 बिगहा में फैले डंबर बाबा की परती पर धार्मिक आस्था का हवाला देते हुए किसी तरह के निर्माण कार्य का विरोध किया। दर्जनों लोगों ने अधिकारियों को घेर लिया। जिसके कारण अधिकारियों की टीम को बिना जांच ही बैरंग लौट जाना पड़ा। शनिवार को विद्युत विभाग के अधिकारियों ने एसडीएम को लिखित पत्र देकर विद्युत उपकेंद्र निर्माण के दौरान पुलिस बल और सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है।
निर्माण के लिए वर्षों बाद भूमि का हो सका है चयन, 55 करोड़ का बजट है स्वीकृत
बेल्थरारोड में 132/33 केवीए विद्युत उपकेंद्र के निर्माण के लिए आजमगढ़ आयुक्त द्वारा जमीन सिसैंड के पास की ग्रामसमाज की भी भूमि को आवंटित किया गया है। जिसे भूअभिलेख में विद्युत विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही निर्माण के लिए 33 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत भी हो चुका है। बेल्थरारोड तहसील अंतर्गत अवायां, रजईपुर और पशुहारी का विद्युत उपकेंद्र अब तक करमौता सिकंदरपुर और रसड़ा के 132/33 केवीए उपकेंद्र से जुड़ा हुआ है। जहां से यहां विद्युत आपूर्ति बहाल की जाती है। लेकिन उक्त उकपेंद्र के निर्माण के बाद तहसील क्षेत्र की गैर तहसील पर निर्भरता समाप्त हो जायेगी। साथ ही लोकल फाल्ट की संभावना भी काफी हद तक कम हो जायेगी। इसके निर्माण के लिए वर्षो से प्रयास होता रहा है। लेकिन भूमि के अभाव में यह परियोजना लंबित रही है। इसके पूर्व में अखोप, सोनाडीह, हल्दीरामपुर ताल के भूमि का भी इसके लिए सर्वे हो चुका था किंतु भौगोलिक दृष्टिकोण और मांग के सापेक्ष कम भूमि के कारण उपरोक्त गांवों में यह परियोजना नहीं लगाई जा सकी। अब जमीन सिसैंड के पास धार्मिक विरोध ने फिर से मुश्किल खड़ी कर दी है।
परती में निर्माण का इन्होंने किया विरोध
धार्मिक आस्था के केंद्र के रुप में चर्चित डंबर बाबा परती पर विद्युत उपकेंद्र निर्माण का विरोध करते हुए ब्रह्मशक्ति संघ संरक्षक ज्ञानप्रकाश मिश्र और अधिवक्ता सत्यप्रकाश उपाध्याय, भूपेंद्र सिंह, प्र्रेमप्रकाश उपाध्याय, जयप्रकाश यादव, शिवानंद समेत अनेक ग्रामिणों ने एसडीएम को लिखित ज्ञापन दिया और आस्था का हवाला देते हुए परती में निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की।

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