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बलिया में रिश्वत कांड: विवाद के बाद दहशत में लेखपाल, धरने पर पैरवीकार

बलिया में रिश्वत कांड: विवाद के बाद दहशत में लेखपाल, धरने पर पैरवीकार

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बलिया में रिश्वत कांड: विवाद के बाद दहशत में लेखपाल, धरने पर पैरवीकार

रिश्वत मांगने और जबरन रिश्वत देकर फंसाने के दावे के बीच मामला हुआ पेचीदा 

बलिया: जनपद बलिया के रसड़ा में एक मामले में रिपोर्ट लगाने को लेकर पैरवी करने वाले के साथ मारपीट का चर्चित मामला बुधवार को नया मोड़ आ गया। पूरा मामला अब लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने और जबरन रिश्वत देकर फंसाने के पेंच में फंस गया है। एक तरफ लेखपाल के समक्ष पैरवी करने वाले युवा समाजसेवी पैरवीकार संजीव गिरी रसड़ा तहसील में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं और लेखपालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए रिश्वत देने के लिए एक रुपए का भिक्षा मांग रहे हैं। जबकि इस पूरे विवाद में चर्चित हुए लेखपाल लाल साहब कोई अनहोनी के भय से आशंकित एवं भयभीत है। बेल्थरारोड तहसील क्षेत्र के मूल निवासी लेखपाल लाल साहब ने बताया कि वे पूरे प्रकरण में डरे हुए हैं और रसड़ा कोतवाली पुलिस को लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं लेकिन अब तक कार्रवाई न होने से वे काफी दुखी हैं और मामले में मुकदमा दर्ज होने तक ड्यूटी पर जाने में असमर्थता जताई।

उनके लिखित तहरीर को हकीकत माना जाए तो भ्रष्टाचार और मारपीट के आरोप के कारण बलिया के चर्चित लेखपाल की कहानी से मामले में नया मोड़ आ गया है।…

बलिया जनपद के रसड़ा में भ्रष्टाचार और रिश्वत मांगने और मारपीट का आरोप झेलने के मामले में चर्चित लेखपाल लाल साहब ने बुधवार को मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। उनकी माने तो उन्हें जबरन पैसा देकर फंसाने का प्रयास किया गया, इसमें नाकाम होने पर उनके आवास पर पहुंचकर संजीव गिरी अपने समर्थकों के साथ हंगामा किया और मारपीट किया। उनके साथ मौजूद एक अन्य लेखपाल मनीष गौतम को भी मारा गया और कई अभिलेख फाड़ दिए गए। रसड़ा में संजीव गिरी के साथ कई लोग थे। जिसके कारण वे बचकर किसी तरह भागकर अपने घर पहुंचे और अपनी जान बचाई । उन्होंने कहा कि डर के कारण वे ड्यूटी पर नहीं जा रहे है। कई नंबर से फोनकर उन्हें जान से मारने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की लगातार धमकी मिल रही है। उन्होंने किसी भी तरह का रिश्वत मांगने के आरोप को फर्जी बताते हुए कहा कि ताड़ी बड़ागांव की विधवा के दुर्घटना बीमा मामले की फाइल में रिपोर्ट जल्द ही लगाना था, क्यूंकि यह मामला उनके ताड़ी बड़ागांव का चार्ज लेने से करीब तीन माह पहले का था। इसे लेकर उच्चाधिकारियों से भी वार्ता हो चुकी है।
मामले में विवादित लेखपाल ने अपना पक्ष रखा और रसड़ा कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग किया है। एक तरफ लेखपाल पर युवा समाजसेवी संजीव गिरी के गंभीर आरोप है, दूसरी तरफ लेखपाल का अलग बयान।
अब देखना है इस मामले में प्रशासन क्या कदम उठाता है।

दूसरा पक्ष —-
रसड़ा तहसील में लेखपाल को रिश्वत देने के लिए धरने पर बैठे समाजसेवी ने मांगा एक रुपए का भिक्षा, समर्थन में जुटे लोग
– रसड़ा तहसील में लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने का विरोध करने पर शुरू हुआ विवाद बुधवार को भी जारी रहा। लेखपाल पर भ्रष्टाचार और मारपीट करने का आरोप लगाने वाले युवा समाजसेवी और श्री सारथी सेवा संस्थान के संस्थापक संजीव गिरी बुधवार को भी धरने पर बैठे रहे और सुबह 10 बजे से विवादित लेखपाल को रिश्वत देने के लिए एक रुपए का भिक्षा मांगा। इस मौके पर आजाद अधिकार सेना के जिला उपाध्यक्ष सिंहासन चौहान समेत कई समर्थक भी जुट गए और लेखपाल की फोटो लेकर रिश्वत देने के लिए एक रुपए की भिक्षा मांगी।

आपको बता दें कि नगरा थाना क्षेत्र के खैरा निस्फी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजीव गिरी के अनुसार ताड़ीबड़ा गांव निवासी विधवा सीमा सिंह की किसान दुर्घटना बीमा से संबंधित एक फाइल में रिपोर्ट लगाने के लिए लेखपाल ने पहले 10 हजार रुपया रिश्वत मांगा और न देने पर सिफारिश करने के कारण नाराज लेखपालों ने मंगलवार को मिलकर उनके साथ मारपीट किया और मोबाइल तोड़ दिया। साथ ही गाली देते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। जिसे लेकर पीड़ित संजीव गिरी ने रसड़ा कोतवाली पुलिस को लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की भी मांग कर चुके है। जिसमें अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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