आस्था के तालाब को अमृत सरोवर बनाने की तैयारी तेज
20 लाख से नए वर्ष में तैयार हो जायेगा तालाब का नया स्वरुप
आस्था के तालाब को अमृत सरोवर बनाने की तैयारी तेज
20 लाख से नए वर्ष में तैयार हो जायेगा तालाब का नया स्वरुप
बलियाः सीयर ब्लाक के सबसे बड़े ग्रामपंचायत हल्दीरामपुर में दशकों पुराने आस्था के तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से जारी है। ग्राम पंचायत द्वारा इसे अमृत सरोवर बनाने की तैयारी चल रही है। श्रीलालमणि ब्रह्मबाबा स्थान के पास निर्मित तालाब से क्षेत्र के लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है। 20 हजार की आबादी वाले हल्दीरामपुर से ही हर दिन सैकड़ों महिलाएं यहां पूजन अर्चना को पहुंचती है। इसके सौंदर्यीकरण का कार्य नए वर्ष के दूसरे माह तक पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है। प्रधान अनंत देव सिंह उर्फ टाइगर ने बताया कि करीब 20 लाख की लागत से तालाब के चारों तरफ पक्का घाट का निर्माण हो चुका है। जबकि तीन तरफ से सीढ़ियों का निर्माण होना है। तालाब के चारों तरफ सुंदर पौधों की बैरिकेटिंग और लाइटिंग से इसे सजाया जायेगा ताकि लाखों लोगों के आस्था के इस दिव्य तालाब को मनोहारी लुक दिया जा सके।
गांव में एक करोड़ से बना है चार सीसी रोड और नाली
– गांव के युवा प्रधान अनंत देव सिंह टाइगर के देखरेख में करीब एक करोड़ की लागत से गांव के चार टोलों में लगभग तीन किलोमीटर लंबा सीसी रोड बनवाया गया है। इसमें नरला, धरहरा एवं हल्दीरामपुर बरतर में सीसी रोड के साथ ही अंडरग्राउंड पक्का नाली का भी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जबकि मठिया में सीसी रोड का निर्माण कार्य हुआ है। मठिया गांव विगत 2007 में अम्बेडकर गांव के तहत चयनित था। जहां 2007 में बना पिच पूरी तरह से जर्जर हो गया था। जबकि मठिया एवं सोनबरसा में लगभग 15 लाख की लागत से दो अलग अलग इंटरलाकिंग सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है।
सीयर ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव लेकिन स्वास्थ्य सुविधा शून्य, पीएचसी की मांग हुई मुखर
स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में 11 किलोमीटर दूर का लगाना पड़ता है चक्कर
बलियाः सीयर ब्लॉक के 94 ग्राम पंचायत में जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़े ग्रामपंचायत हल्दीरामपुर में शिक्षा को लेकर कुल 11 राजकीय स्कूल है लेकिन स्वास्थ्य का कोई ठोस इंतजाम नहीं है। यहां से स्वास्थ्य सुविधा 11 किलोमीटर दूर है। जबकि सरयू किनारे बलिया, सिकंदरपुर बेल्थरारोड मार्ग पर करीब 20 हजार की आबादी वाले हल्दीरामपुर गांव में कुल 16 मजरे है और अधिकांश आबादी नदी किनारे ही है । जहां से आसानी से निकलना दुरूह होता है। हालांकि पंचायती राज की मेहरबानी से गांव में सड़कों का जाल सा बिछा है। लेकिन चिकित्सा व्यवस्था के नाम पर यहां महज राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय आयुष हेल्थ एंड वेलफेयर सेंटर ही संचालित है। जिसके भरोसे ही यहां के करीब 20 हजार की आबादी की नब्ज का दारोमदार है। गांव में एएनएम सेंटर का भवन बनकर तैयार है लेकिन स्वास्थ्य विभाग को अब तक हैंडओवर नहीं हो सका है। जबकि हल्दीरामपुर गांव के पास मुख्य मार्ग पर सड़क हादसों की संख्या में भी तत्काल उपचार के अभाव में अक्सर लोगों की जान चली जाती है जबकि ग्रामीणों को ईलाज के लिए करीब 11 किलोमीटर दूर सीयर सीएचसी जाना पड़ता है। इसके कारण अक्सर लोगों की जान पर बन आती है। जिसके कारण गांव में अब पीएचसी के संचालन की मांग तेज हो गई है। ग्राम प्रधान अनंत देव सिंह उर्फ टाइगर ने शासन से गांव में एक न्यू पीएचसी संचालित करने की मांग की है।
नए पीएचसी होना शासन स्तर का है मामला: अधीक्षक
– सीयर सीएचसी अधीक्षक डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि क्षेत्र में पांच पीएचसी और 38 एएनएम सेंटर संचालित हैं। इनमें 13 एएनएम सेंटर का अपना भवन है। जबकि शेष किराए के कमरे में चल रहा है। हल्दीरामपुर में नया एएनएम सेंटर का भवन बना है लेकिन अभी यह हैंडओवर नहीं हुआ है। कहा कि क्षेत्र में नया पीएचसी स्वीकृत करना, शासन स्तर का मामला है। इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता।