परिवहन मंत्री के गृह जनपद में रोडवेज पर चालक-परिचालक का घोर अभाव
चालकों के अभाव में खड़ी रहती है दस बसें, घट गई आय
88 के सापेक्ष महज 64 चालक और 68 परिचालक ही है मौजूद
वाराणसी, देवरिया समेत कई रुट पर नहीं चल पा रही बसें
बलियाः योगी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के गृह जनपद के रोडवेज की आय निरंतर घटती जा रही है। चालक और परिचालक के अभाव में जनपद बलिया के बेल्थरारोड रोडवेज से कई बसें तो सड़क पर निकल ही नहीं पाती और रोडवेज में ही खड़ी रहती है। जिसके कारण प्रतिदिन करीब 5 लाख की आय देने वाला रोडवेज अब साढ़े तीन लाख की आय पर सिमट गया है। जनपद मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर बेल्थरारोड का रोडवेज डिपो, जिले का दूसरा सबसे बड़ा रोडवेज है, जहां वर्कशाप भी व्यवस्था है। यहां से वर्तमान में कुल 40 बसें संचालित है। इनमें दो अनुबंधित बस शामिल है। जिसका हर दिन बलिया, मऊ और गोरखपुर से लगायत प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, दिल्ली तक बसों का परिचालन होता है। इसके परिचालन के लिए यहां कुल 88 चालक और 88 परिचालक की आवश्कता है लेकिन 64 चालक और 68 परिचालक ही मौजूद है। जिसके कारण कभी कभी अधिकांश चालक, परिचालकों से ओवरटाइम कार्य लिया जाता है। वहीं चालकों के अभाव में यहां दस बसें अक्सर रोडवेज पर ही खड़ी रहती है। भागलपुर पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां से संचालित होने वाले भागलपुर, देवरिया की बसों का परिचालक पहले से ही बंद है। वहीं वाराणसी के लिए भी बस नहीं जा रही है। रोडवेज पर यात्रियों के लिए शौचालय और प्रतिक्षालय में कुर्सी तक का घोर अभाव है। जबकि योगी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, बलिया जनपद के सदर सीट से ही विधायक है और उनके गृह जनपद के रोडवेज पर ही बसों के परिचालन की बेसिक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है। वह भी तब जब वे रोडवेज को एयरपोर्ट की तरह चमकाने और ईबस सेवा शुरु करने का स्वयं दावा करते है।
संविदा पर भर्ती के बावजूद नहीं मिल रहे चालक/परिचालक
– बेल्थरारोड रोडवेज डिपो के एआरएम (सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक) ने बताया कि चालक और परिचालक की कमी के कारण संविदा की सीधी भर्ती ली जा रही है बावजूद चालक और परिचालक नहीं मिल रहे है। पिछले माह कैंप लगाकर भर्ती का प्रयास किया गया लेकिन 19 चालकों में मात्र दो ही काम कर रहे है। यही स्थिति परिचालक की भी है। संविदा पर काम करने लिए लोग तैयार नहीं हो रहे है और नियमित बहाली निकल नहीं रही है। जल्द ही कैंप लगाकर फिर से संविदा पर भर्ती का प्रयास किया जाएगा। चालक परिचालक के अभाव में रोडवेज का आय भी प्रभावित हो गया है।
1987 से डीपो के रुप में संचालित है बेल्थरारोड रोडवेज
– जनपद बलिया में सदर के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोडवेज डिपो सन 1987 में पूर्व मंत्री स्व. शारदानंद अंचल के प्रयास से बेल्थरारोड में शुरु हुआ। यहां पहले सन 1984 से सामान्य बस स्टेशन का संचालन था।
चालक और अन्य पदों पर भी रिक्त है अधिकांश पद
– बेल्थरारोड रोडवेज डिपो पर चालक परिचालक के साथ ही अन्य विभिन्न पद भी रिक्त है। चालक के अभाव में यहां फिलहाल दस बसे खड़ी है। जबकि कार्यालय अधीक्षक, वरिष्ठ केंद्र प्रभारी (एसएसआई), लिपिक – 8, कार्यालय सहायक प्रथम, कार्यालय इंचार्ज, ट्रैफिक इंस्पेक्टर (टीआई), एकाउंटेंट, कोषाध्यक्ष समेत अनेक पद रिक्त है। जिसके कारण यहां का अनेक विभागीय कार्य ठप पड़ा है। बलिया में तैनात रोडवेज का अकाउंटेंट तो पद रिक्त होने के कारण बलिया, बेल्थरारोड और दोहरीघाट तीन रोडवेज डिपो का काम देखते है।