तासा की थाप पर तांडव: तलवारें लहराईं, सहिया गांव बना रणभूमि
पुलिस ने दिखाई फुर्ती, 9 बवाली चढ़े हवालात की सीढ़ी


तासा की थाप पर तांडव: तलवारें लहराईं, सहिया गांव बना रणभूमि
पुलिस ने दिखाई फुर्ती, 9 बवाली चढ़े हवालात की सीढ़ी
बलिया: उभांव थाना के सहिया गांव में मुहर्रम जुलूस के तहत बज रहे तासा की गूंज के दौरान बड़ा बवाल हुआ। मंगलवार की रात जैसे ही तासा की थाप गूंजी, पूरा गांव देखते ही देखते रणभूमि में तब्दील हो गया। ‘या हुसैन’ के नारों के बीच अचानक दो पक्षों में तकरार ऐसी बढ़ी कि लाठी-डंडे छोड़ तलवारें खिंच गईं। हालात इतने बिगड़े कि कुछ ही मिनटों में गांव का माहौल खौफ और अफरातफरी में बदल गया।
ग्रामीण घरों में दुबक गए, महिलाएं और बच्चे कांपते हुए दरवाज़ों की आड़ में छिप गए। पूरे गांव में भगदड़ मच गई। पर इस पूरे बवाल का सबसे चौंकाने वाला कारण था – “तासा बजाने का विवाद!”
जैसे ही झगड़ा भड़का, एक पक्ष ने तासा बजाने से रोका, दूसरे ने चुनौती समझकर तलवारें खींच लीं। दोनों ओर से ललकारें गूंजने लगीं, और सहिया गांव जलती चिंगारी की तरह सुलग उठा।
लेकिन, इसी बीच पुलिस बनी मसीहा!
थाना उभांव की पुलिस टीम को जैसे ही खबर मिली, मौके पर प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देश पर पुलिस फोर्स बिजली की तरह पहुंच गई। पुलिस की वर्दी देखते ही बवालियों के होश उड़ गए। कुछ तो अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए, लेकिन नौ शातिर पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
गिरफ्तार किए गए बवालियों में शामिल हैं: हसन शेख, सद्दाम, इकबाल, सब्बीर, समीर, राजीद, साहिद, यासू, और एक महिला यासिन बेगम शामिल है।
पुलिस ने सभी को शांति भंग की आशंका में धारा 151 के तहत चालान कर हवालात भेज दिया।
थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह का कहना है, “मुहर्रम के जुलूस की गरिमा को बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सहिया की यह घटना प्रशासन के लिए चेतावनी है कि धार्मिक आयोजनों में कानून का डंडा ही अब अमन-शांति की गारंटी है।”
हालांकि इस घटना ने प्रशासन को अलर्ट मोड पर ला दिया है, लेकिन पुलिस की तेजी और सख्ती से गांव को बड़ी अनहोनी से बचा लिया गया।



