वैश्य समाज के भरोसे मद्धेशिया समाज के पास है सांसद- विधायक बनाने का दम
पूरा प्रदेश देख रहा मद्धेशिया समाज का दम और अगुवाई की क्षमता

वैश्य समाज के भरोसे मद्धेशिया समाज के पास है सांसद- विधायक बनाने का दम
पूरा प्रदेश देख रहा मद्धेशिया समाज का दम और अगुवाई की क्षमता
पूर्वांचल के 27 विधानसभा में है एक करोड़ की है आबादी, नगरीय राजनीति में बढ़ा प्रभाव
प्रभुत्व वाले क्षेत्र में वैश्य समाज के भरोसे मद्धेशिया समाज के पास है सांसद, विधायक बनाने का दम
बलियाः मद्धेशिया समाज का दम आज पूरा प्रदेश देख रहा है। समाज के अगुवाई की क्षमता से वैश्य समाज का लगातार मान बढ़ा है। मध्यदेशीय वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने बलिया जनपद के बेल्थरारोड में आयोजित बाबा गणिनाथ पूजनोत्सव के दौरान उक्त बाते कही। पूजनोत्सव समारोह में मद्धेशिया समाज की सामाजिक और राजनीतिक क्षमता साफ झलक रही थी। भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में युवा, बुजुर्ग और महिलाएं दोपहर बाद तक जमी रही। मध्यदेशीय वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और निवर्तमान नपं चेयरमैन दिनेश गुप्ता ने कहा कि आज मद्धेशिया समाज के एकजुटता और वैश्य समाज के भरोसे यूपी के पूर्वांचल में नगरपंचायत और नगरपालिका के अब कुल 13 चेयरमैन है। जहां मद्धेशिया समाज का कब्जा है। नगरीय राजनीति में लगातार मद्धेशिया समाज का प्रभाव बढ़ा है। बलिया जनपद में करीब पांच लाख की हमारी आबादी है। जबकि पूर्वांचल में करीब एक करोड़ से अधिक जनसंख्या सिर्फ हमारी है। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने कहा कि पिछले निकाय चुनाव में नगर के चुनाव में मद्धेशिया समाज से कुल महज 9 जनप्रतिनिधि ही जीतकर चेयरमैन बने थे लेकिन इस बार यह संख्या बढ़कर 13 हो गई है। एक ब्लाक प्रमुख भी बने है। कुछ निकाय क्षेत्र में आपसी मनमुटाव और बिखराव के कारण पुराने साथी हारें है लेकिन इसके कारण को सभी को समझना होगा और इसे दूर करना होगा। समाज के नाम पर एकजुट हुए होते और तो निश्चय ही यूपी निकाय चुनाव में इस बार हमारे समाज के जनप्रतिनिधि की संख्या 25 से अधिक होती। समाज में एकदूसरे का पैर खींचने वालों से सभी को किनारा करना होगा, तभी सामाजिक और राजनीतिक उत्थान संभव है। बताया कि पूर्वांचल के करीब 22 जिलों में मद्धेशिया समाज की आबादी इतनी अच्छी है कि यहां के 27 विधानसभा में हम एकजुटता के बूते किसी भी चुनाव परिणाम को बदलने का दम रखते है। इन प्रभाव वाले 27 विधानसभा में ही हमारी आबादी करीब सवा करोड़ से अधिक है। यहां विधानसभा चुनाव में अगर छोटी संख्या वाले समाज का साथ मद्धेशिया समाज को मिल गया तो हर सीट पर विधायक और सांसद बनाने का दम रखते है।