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गांव गांव में लंपी संक्रमित मवेशी, हाईअलर्ट पर विभागीय अधिकारी

46 हजार के सापेक्ष 10900 ही मवेशियों को लगा लंपी का टीका

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गांव गांव में लंपी संक्रमित मवेशी, हाईअलर्ट पर विभागीय अधिकारी
46 हजार के सापेक्ष 10900 ही मवेशियों को लगा लंपी का टीका
लंपी से बचाव को टीकाकरण धीमा, पशुपालक भी उदासीन
बलियाः जनपद बलिया में गंगा और सरयू किनारे गोवंशीय मवेशियों में लंपी संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है हालांकि विभागीय अधिकारी हाईअलर्ट पर है और गांव गांव में टीकाकरण तेजी से जारी है। बावजूद सीयर और नगरा ब्लाक के करीब 46 हजार गोवंशीय मवेशियों के सापेक्ष अब तक 10 हजार 9 सौ मवेशियों को ही टीका लग सका है। इसके लिए लंपी टीका की अनुपलब्धता और मवेशी पालकों की उदासीनता मुख्य कारण बताई जा रहा है। हालांकि क्षेत्र के सभी गौ आश्रय केंद्र पर मौजूद मवेशियों को लंपी का टीका प्राथमिकता के आधार पर पहले ही लगा दिया गया है। जिसके कारण स्थानीय गो आश्रय केंद्र पर वर्तमान में एक भी लंपी से प्रभावित मवेशी नहीं है। विभागीय आंकड़ों की माने तो बेल्थ्रारोड तहसील के सीयर ब्लाक क्षेत्र में 26 हजार गोवंशीय मवेशी है। गांव गांव में टीकाकरण शिविर लगाकर अब तक इनमें करीब 63 सौ मवेशी को लंपी से बचाव का टीका लगाया जा चुका है। जबकि नगरा ब्लाक क्षेत्र में करीब 20 हजार मवेशी के सापेक्ष 46 सौ मवेशी को टीका लगाया जा चुका है। आंकड़ों की माने तो प्रत्येक गांव में टीका लगाने के प्रति करीब 20 फीसदी पशुपालक उदासीन है, जो मवेशियों को नुकसान होने की आशंका बताकर टीका लगवा ही नहीं रहे है। इधर ढेकुआरी गांव में घुमंती साढ़ को लंपी से प्रभावित पाए जाने पर विभाग ने उसका समुचित इलाज पूरा कर लिया है। क्षेत्र के बरवां रत्ती पट्टी, कसौंडर, इब्राहीमपट्टी, सहिया गांव में सुरेश यादव, हरिप्रकाश गोंड, रामकरण यादव, फरिदपुर दुबौली गांव में सत्यप्रकाश उपाध्याय की गाय समेत अनेक गांव में लंपी से प्रभावित है। जबकि सहिया गांव में तो संक्रमण से दो मवेशी की मौत भी हो चुकी है। हालांकि विभागीय अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे है।

आठ माह से ऊपर की गर्भवती और चार माह से छोटे मवेशी को नहीं लगता टीका
– बेल्थरारोड उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अजीत गुप्ता ने बताया कि चार माह से छोटे नवजात गोवंशीय मवेशी में जन्मजात प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है और आठ माह से ऊपर की गर्भवती मवेशी को प्रसव भय का खतरा होता है। जिसके कारण इन्हें टीका नहीं लगाया जाता है लेकिन गांवों में इसका बहाना लेकर अन्य पशु पालक भी मवेशी को लंपी का टीका नहीं लगा रहे है। अहिरौली गांव में गुरुवार को इसे लेकर कई पशुपालकों ने टीकाकरण टीम को लौटा दिया। जो दुखद है। लंपी जैसे संक्रामक बीमारी को लेकर विभाग अलर्ट है लेकिन पशुपालकों में भी इसे लेकर जागरुकता और सकारात्क सहयोग की जरुरत है।
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बेल्थरारोड में गौ आश्रय केंद्रों पर मौजूद गोवंशीय मवेशियों की संख्या
हल्दीरामपुर गौ आश्रय केंद्र- 56
बेल्थरारोड नगरपंचायत – 19
बाहरपुर भीमपुरा – 48
करौंदी चरौंवा – 119
रघुनाथपुर – 80

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