पूर्वांचल में भाजपा पर दिख रहा पाॅलिटिकल प्रेशर
उठने लगे सवालः जिन जातियों के प्रति उगलती थी आग, आज भाजपा बरत रही नरमी
पूर्वांचल में भाजपा पर दिख रहा पाॅलिटिकल प्रेशर
उठने लगे सवालः जिन जातियों के प्रति उगलती थी आग, आज भाजपा बरत रही नरमी
बलियाः पूर्वांचल में कमजोर दिख रही पार्टी की किलेबंदी के कलंक से निपटने के लिए भाजपा ने कमर कस लिया है। बलिया से पहले दानिश आजाद अंसारी को मंत्री बनाना और अब बलिया जिला में संजय यादव को भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाने की घोषणा को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि इसका 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को कितना लाभ मिलेगा, यह तो समय बतायेंगा लेकिन भाजपा द्वारा सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, पूर्व विधायक दारा सिंह चैहान को लेकर पहले राजनीतिक प्रयोग किया जा चुका है और अब संजय यादव को बलिया का जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
भाजपा द्वारा जिलाध्यक्षों की नई सूची जारी होने के बाद विशेषकर पूर्वांचल को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसके बाद पार्टी द्वारा अब तक निशाने पर रहे विशेष जाति और वर्ग के प्रति भाजपा की नई रणनीति को लेकर सवाल उठने लगे है। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आद्याशंकर यादव ने कहा कि भाजपा जिन जातियों और वर्ग के प्रति आग उगलती थी, आज उनके प्रति नरमी बरत रही है। यहीं कारण है कि बलिया में पूर्व विधायक संजय यादव को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मजबूरी में दे दिया है। जो भाजपा के पाॅलिटिकल प्रेशर का प्रमाण है। भाजपा की नजर पूर्वांचल में पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज के वोटबैंक पर है लेकिन इसका राजनीतिक लाभ उन्हें कतई नहीं मिलने वाला है। कहा कि भाजपा घोसी उपचुनाव से पहले अहंकार में थी। घोसी उपचुनाव परिणाम के बाद भाजपा का अहंकार कमजोर हुआ है और अहंकार को छिपाने के लिए उससे हटकर वह मैनेजमेंट पर उतर गई है। पूर्वांचल में जिन जातियों का समीकरण है, उनको साधने में लगी है लेकिन उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है। जिन जातियों और वर्ग के प्रति भाजपा ने अब तक आग उगला है, वहां उन्हें कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।