big breakingउत्तरप्रदेशबलियास्वास्थ्य

कैंसर पीड़ितों को पूर्व पीएम चंद्रशेखर के गांव संजीवनी देने की तैयारी

इब्राहीमपट्टी में तैयार हो रहा जननायक चंद्रशेखर अस्पताल एंड कैंसर इंस्टीट्यूट

1 0
R News Manch

Read Time:5 Minute, 39 Second

बलिया: पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी के पैतृक गांव जनपद बलिया के इब्राहीमपट्टी में कैंसर पीड़ितों को संजीवनी देने की तैयारी जोरों पर है। यहां जननायक चंद्रशेखर अस्पताल एंड कैंसर इंस्टीट्यूट के नाम से भव्य अस्पताल के संचालन की तैयारी तेजी से जारी है। राज्यसभा सांसद नीरज शेखर और एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू के प्रयास से यूपी सरकार ने भी इसके लिए हरी झंडी दे दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रमुख सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्रा के निर्देश पर पिछले दिनों बलिया डीएम सौम्या अग्रवाल ने भी इस अस्पताल का निरीक्षण किया था। मऊ जनपद के विख्यात शारदा नारायण अस्पताल के चिकित्सक डा. संजय सिंह फिलहाल यहां के मेडिकल व्यवस्था को नया स्वरुप देने में लगे है।

पूर्व पीएम चंद्रशेखर का सात दशक बाद साकार होगा सपना

इस चैरिटेबल हास्पिटल के लिए कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सकों के चयन की प्रक्रिया जारी है। फिलहाल यह 40 बेड का हाईटेक कैंसर अस्पताल बनेगा। जहां कैंसर के संभावित लक्षणों का पता कर शुरुआती चरण में ही चिकित्सका शुरु करने की पूर्ण व्यवस्था होगी। अस्पताल के भव्य ओपीडी में हर रोज गरीब और जरुरतमंदों के चिकित्सकीय परीक्षण और इलाज के लिए अलग से चिकित्सक तैनात होंगे। एक नवंबर को इस अस्पताल को अंतिम रुम देने के लिए प्रमुख सचिव द्वारा एक नवंबर को निरीक्षण किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
कैंसर ने ही ली थी पूर्व पीएम चंद्रशेखर की जान
– पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी की मौत कैंसर के कारण ही हुई थी। जिनके स्मृति में उनके पैतृक गांव में कैंसर का भव्य कैंसर अस्पताल बनाने की तैयारी हो रही है। जो अंतिम चरण में है। इब्राहीमपट्टी में भव्य अस्पताल का सपना स्वयं पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी का भी था। पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी ने ही अपने गृह क्षेत्र इब्राहीमपट्टी में करीब 30 एकड़ में अस्पताल के लिए विशाल भवन की नींव सन 1952 में डाली थी। उस समय समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण जी ने इसका विधिवत शिलान्यास किया। करोड़ों रुपए की लागत से करीब 150 बेड वाले विशाल अस्पताल का भवन लगभग ढाई दशक में बनकर तैयार हो गया। 1979-80 में इस भवन में अस्पताल का संचालन भी शुरु हुआ किंतु करीब छ माह बाद ही विभागीय लापरवाही के कारण पूरी व्यवस्था ठप हो गई। पीएम चंद्रशेखर जी के निधन के बाद तो यह पूरी तरह से विरान ही हो गया था। फिलहाल इसका चंद्रशेखर जी के परिवार द्वारा रचना चक्र फाउंडेशन के तहत ही देखरेख किया जाता रहा है।
कोरोनाकाल में अच्छे अस्पताल के अभाव खटका, मिल सकती है चार जनपदोे को संजीवनी
जनपद बलिया मुख्यालय से करीब 75 किलोमीटर दूर बिल्थरारोड के इब्राहीमपट्टी में विशाल भवन में अगर आक्सीजन प्लांट या अच्छा अस्पताल होता तो आसपास के देवरिया, बलिया, मऊ और गाजीपुर समेत चार जनपद के मरीजों को समय पर आक्सीजन मिल सकता है। बिल्थरारोड बलिया जनपद के आखिरी छोर पर स्थित है। यहां से देवरिया, मऊ, बलिया और गाजीपुर जनपद मुख्यालय की दूरी लगभग बराबर है। कोरोनाकाल में यहां अच्छे अस्पताल का अभाव सभी को खटका था। स्वास्थ्य व्यवस्था के अभाव में ही पूर्व मंत्री शारदानंद अंचल की भी बेल्थरारोड में 2010 में हर्ट अटैक से मौत हो गया था।
बेहतर चिकित्सको के अभाव में मऊ और वाराणसी पर है निर्भरता
जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर होने एवं बेहतर चिकित्सकीय व्यवस्था न होने के कारण बिल्थरारोड की लगभग 80 फिसदी चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह से पड़ोसी जनपद मऊ और वाराणसी पर ही निर्भर है। यहां से हर दिन बस व ट्रेन से हजारों की संख्या में लोग मऊ और वाराणसी इलाज के लिए जाते है। बस और ट्रेन का सीधा साधन होने के कारण लोग बलिया मुख्यालय के बजाएं मऊ और वाराणसी जाना ज्यादा बेहतर मानते है।

Happy
Happy
33 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
67 %


R News Manch

Related Articles

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%