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ग्राम पंचायत चुनाव की आहट के साथ शुरू हुआ हकीकत और साजिश का खेल

गाली गलौज और धमकी के दौर में घपले एवं बेइमानी के आरोप का खेल

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गंवई चर्चा और जनचौपाल: 

ग्राम पंचायत चुनाव की आहट के साथ शुरू हुआ हकीकत और साजिश का खेल

गाली गलौज और धमकी के दौर में घपले एवं बेइमानी के आरोप का खेल

बलिया: यूपी में ग्राम पंचायत चुनाव की आहट तेज हो गई है क्योंकि गांव गांव में राजनीतिक विवाद अब जोर पकड़ने लगा है। गंवई चर्चा और जनचौपाल कॉलम के तहत हम एक एक गांव के विकास की कहानी और जमीनी हकीकत आप तक पहुंचाएंगे। हर गांव में अब भावी प्रत्याशी के चेहरे सक्रिय हैं। साथ ही उनके पक्ष विपक्ष के बीच द्वंद भी खुलकर सामने आने लगा है। गांवों में राजनीतिक फायदे के लिए हकीकत और साजिश का खेल शुरू है, गाली गलौज और धमकी देने के साथ ही घपले एवं बेइमानी के आरोप का दौर भी चल रहा है। ऐसे हर खेल के हकीकत की बात होगी।

फिलहाल बलिया जनपद के सीयर ब्लॉक के कुछ उन गांवों की बात होगी। जो आपसी रंजिश के कारण इन दिनों चर्चा में है। साथ ही अच्छी पहल के मिसाल भी बने हैं। इनमें तुर्तीपार और फरसाटार गांव की विशेष चर्चा। यहां चर्चित नेताओं के खिलाफ विपक्षी मुखर हैं और आरोप प्रत्यारोप की घेराबंदी, गांव से लेकर थाने तक चर्चा का केंद्र बिंदु बनी हुई है। साथ ही इसका रायता सोशल साइट पर भी फैला है।

इसकी जानकारी सभी को है और इसमें लगातार हो रहे बदलाव और अपडेट पर भी सभी के नजर हैं लेकिन हर कोई अंजान सा बना। चाटुकारिता और चमचई के खेल में अपना नुकसान बचाने के लिए दोनों मामले में दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना लगाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन भी इस खेल को खूब समझ रहा है और इस खेल के खिलाड़ियों पर अपनी नजारे गड़ाकर फिलहाल वेट एंड वॉच की भूमिका में हैं। हालांकि आमजनता को इन प्रपंचों से फर्क नहीं पड़ता, वह तो खुली आंख से सब देखती और कान एवं मुंह बंदकर चुपके से अपना जनमत सुना देती हैं। जिसके शोर में बहुत से धाकड़ की बोलती बंद हो जाती है।

 

मामला नंबर 1:

तुर्तीपार गांव में इन दिनों पूर्व प्रधान के भतीजे के घर के बाहर रास्ते में हो रहे निर्माण को लेकर सीयर ब्लॉक प्रमुख द्वारा मोबाइल पर किए गए बकझक का ऑडियो वायरल है। फिलहाल ऊंचे पहुंच वाले प्रमुख जी की क्षवि इतनी रौबदार और धाकड़ हो गई है कि यह इनके लिए आमबात हो गई है। लेकिन चुनाव के ठीक पहले हर कोई अपनी क्षवि सुधारना ही चाहता है। इस मामले में एक तरफ से डैमेज कंट्रोल करने और दूसरे तरफ से भस्मासुर जैसी तोहमत लगाने का हर दांव चला जा रहा है।

मामला नंबर 2:

सीयर ब्लॉक का सबसे विवादित गांव फरसाटार, जहां फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आरोप में निर्वाचित प्रधान बर्खास्त कर दिए गए है। जिसके बाद से ही रुतबा चले जाने और कई मुकदमे झेलने के कारण तनाव में पूर्व प्रधान के गतिविधि का नाम यहां कई मामलों में चर्चा में है। फिलहाल यहां के जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी के चर्चित फरसाटारी, एक अधिवक्ता और पूर्व प्रधान के बीच जबरदस्त ठनी है। इसे लेकर अलग अलग मामलों में तहरीर देने, आरोप प्रत्यारोप के खेल में मुकदमा दर्ज कराने और मारपीट तक की हुई वारदात को लेकर गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

मामला नंबर 3:

आबादी के हिसाब से सीयर ब्लॉक के सबसे बड़े ग्राम पंचायत हल्दीरामपुर में आवासीय एवं कृषि पट्टा की जांच से हड़कंप मचा हुआ है। वर्तमान प्रधान और पूर्व प्रधान के बीच राजनीतिक खींचतान के जंग में पट्टाकांड का बम अब लाभार्थियों पर फूट रहा है। इसे बचाने और उजाड़ने के खेल में अब तक करीब 100 लाभार्थियों के पट्टा को निरस्त करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच गई है। जिससे गांव में राजनीतिक भूचाल सा आ गया है। 

मामला नंबर 4:

ग्राम पंचायत लोहटा पचदौरा गांव में सचिव पर समय से पेमेंट न करने के आरोप और तनाव में प्रधान पति की मौत के बाद प्रधानों की अटूट एकजुटता भी चर्चा में है। सभी प्रधानों ने अपने प्रधान प्रतिनिधि रहे वंशीधर यादव के साथ अपने संबंधों का फर्ज निभाया और उनकी पुत्री की शादी को नियत समय पर ही धूमधाम से करवाया। हालांकि इसमें अन्य सचिवों और ब्लॉक के अधिकारियों ने भी दिल खोलकर सहयोग किया। जो क्षेत्र के राजनीतिक इतिहास में प्रधानों के एकजुटता की एक अच्छी मिसाल है।

गंवई चर्चा और जनचौपाल कॉलम की सीरीज 1 जारी…

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