लाखों में दुकान बेचने वालों के आंख में खटकने लगी नगर की गुमटियां
नगर में आवंटित गुमटी स्थल को बता रहे रास्ता

लाखों में दुकान बेचने वालों के आंख में खटकने लगी नगर की गुमटियां
— नगर में आवंटित गुमटी स्थल को बता रहे रास्ता
बलिया: नगर में लाखों की कीमत लेकर किराया पर दुकान बेचने वालों के आंख में अब नगर की गुमटियां खटकने लगी है। पहले से आवंटित गुमटी स्थल को रास्ता बताकर विवाद बढ़ाने की जी तोड़ कोशिश की जा रही है। वैसे यह पहली बार नहीं है। फिलहाल नगर में राहुल मेडिकल के ठीक बगल वाली खाली स्थल को रास्ता बताया जा रहा है। जबकि रास्ता वह होता है जो अंदर तक जाता है। पीछे किसी का मकान नहीं है। यहां के बैंक और पीछे के प्राइवेट मार्केट में जाने के लिए मुख्य मार्ग पर ही चौडा सा रास्ता माैजूद है। जिससे हर रोज सैकड़ो लोग पैदल, बाइक और चारपहिया वाहनों से आते जाते है। राहुल मेडिकल के ठीक बगल के खाली स्थल को पहले भी नगर पंचायत द्वारा गुमटी आवंटित किया गया था लेकिन नियमित किराया जमा न होने से नगर पंचायत द्वारा वर्षों पूर्व रद्द कर दिया गया था। अब 2021 में इसे फिर से आवंटित किया गया। इस बीच खाली जगह पर राहुल मेडिकल की निगाह गड़बड़ हो गई। अब इसे स्वयं कब्जा करने की इनकी नियत हो गई है। जबकि अवैध अतिक्रमण से बचाने के लिए ही इस खाली स्थल तक ही ईंट बिछाई गई थी।
लाखों में दुकान बेचने वाले भी फुटकर दुकानदारों के गुमटी को अपनी कमाई में रोड़ा मानने लगे हैं। जिसके कारण वे अब गुमटी का विरोध करने के लिए नगर के लोगों को भड़का रहे हैं और उनके रोजी रोटी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। नगर के लोगों को समझना होगा कि गुमटी हटवाने के पीछे इन धनाढ्य लोगों की मंशा क्या है। इसे वर्तमान में रास्ता बताने वाले जमशेद भाई और फजील भाई के बीच अपने प्लाट की दुकान को लेकर वर्षों से मुकदमा चलता रहा है लेकिन इस मामले के बाद जमशेद भाई की दुकान रातों रात खुल गई। यानी इसी बहाने जमशेद भाई का भला हो गया, उन्हें बधाई। लेकिन विवाद के लिए साजिश रचने वालों की मानसिकता को शायद कभी बदला नहीं जा सकता।
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अर्थ का अनर्थ करने के लिए नगर में जुटती है चांडाल चौकड़ी
— नगर के भावनाओं को भड़काकर अर्थ का अनर्थ करने के लिए ही चांडाल चौकड़ी चर्चित हो है। आवंटित दुकान गुमटी के खाली स्थान को रास्ता बताना और पीछे के कमर्शियल भवन मालिक को आगे कर विवाद खड़ा करने और लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने का खुला चैलेंज देने वालों की अपवित्र मंशा नगर के लिए काफी खतरनाक है। खैर, इसे समझना प्रशासन का काम है और कानून अपने हिसाब से काम करेगी।
झूठ के पांव नहीं होते लेकिन फैलता है तेज
— झूठ नं. 1: कि राहुल मेडिकल के बगल में रास्ता है। जबकि रास्ता वह होता है जो अंदर तक जाता है। जबकि बैंक और पीछे के दुकानों के लिए अलग से चौडा रास्ता है।