फरसाटार प्रधानी पर लटकी तलवार, उच्च न्यायालय से नहीं मिली राहत
फर्जी प्रमाण के मामले में स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट बनी गले की फांस

एसडीएम कोर्ट में 12 ग की शुरु हुई बहस
बलियाः फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जनपद बलिया के सीयर ब्लाक के फरसाटार का प्रधान बनने के आरोप संबंधित मामले में न्यायालय से जल्द ही बड़ा फैसला सामने आ सकता है। गांव में प्रधानी जल्द ही समाप्त होने और त्रिस्तरीय कमेटी गठित होने के कयास अभी से लगाएं जाने लगे है। जिससे गांव में हड़कंप मचा हुआ है। पिछड़ी जाति की सीट पर शेख सरवरी के फर्जी जाति प्रमाणपत्र आरोप झेल रहे वर्तमान प्रधान जफरुल हक को उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिला है। जिसके कारण फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में जिला स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट अब वर्तमान प्रधान के गले की फांस बन गई है। बेल्थरारोड एसडीएम कोर्ट में शिकायतकर्ता समीर मौर्य की अपील पर फरसाटार प्रधानी की सुनवाई शुरु हो गई है। मामले को लेकर 12 ग के तहत वाद की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण श्रीवास्वत और दिलरोज अहमद ने बताया कि उ.प्र पंचायत राज अधिनियम के तहत अविधिक चुनाव के खिलाफ यह वाद दायर किया गया है। जल्द ही इसका निर्णय भी आयेगा। मामले में जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने फरसाटार गांव के विजयी प्रधान जफरुल हक के शेख सरवरी संबंधित पिछड़ी जाति के प्रमाणपत्र को गलत करार दे दी है। जिसके आधार पर इंसाफ के लिए संघर्ष कर रहे समीर मौर्य को जल्द ही न्यायालय से न्याय मिलेगा।
आपको बता दें कि तत्कालीन बलिया डीएम सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जिला स्क्रूटनी कमेटी ने फरसाटार प्रधान जफरुल हक के मामले में 31 जनवरी को ही शेख सरवरी संबंधित जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने के आदेश दे दिए है। प्रदेश में विगत 2021 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में फरसाटार ग्रामपंचायत का प्रधान पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था। इस सीट पर जफरुल हक ने जीत दर्ज किया था। इसके लिए जफरुल ने स्वयं को शेख सरवरी/पिराई जाति का बताकर तहसीलदार स्तर से जाति प्रमाण पत्र संख्या 4602 दिनांक 24 सितंबर 2005 जारी कराया था। इस प्रमाण पत्र चुनाव में दूसरे स्थान पर आए रामाशीष चैहान और प्रधान पद के एक अन्य प्रत्याशी समीर मौर्य ने 3 जून 2021 को चुनौती दिया और तहसील से लेकर जिलास्तरीय अधिकारी को शिकायती पत्र देकर विजयी प्रधान के जाति प्रमाण पत्र के जांच की मांग किया। शिकायतकर्ता रामाशीष चैहान और समीर मौर्य के अनुसार जफरुल हक शेख जाति के सामान्य है।