वाह री पुलिसः बाइक चोरी का तीन वर्ष बाद किया मुकदमा
थाना 1857 का, कार्यशैली भी अंग्रेजियत वाली
बलियाः अपराध और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दावा करने वाले योगी सरकार में पुलिस को बाइक चोरी का मुकदमा दर्ज करने में तीन वर्ष लग गए। वह भी न्यायालय के निर्देश पर हुआ। मामला उभांव थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने पहले पीड़ित को कोरोनाकाल बताकर भगा दिया और फिर न्यायालय के निर्देश पर करीब तीन साल बाद मुकदमा दर्ज किया।
23 दिसंबर 2019 को हुई बाइक चोरी और 26 सितंबर 2022 को एफआईआर
23 सितंबर 2019 को बाइक चोरी हुई और 26 सितंबर 2022 को उभांव थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर अज्ञात चोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जिसके कारण योगी सरकार में पुलिसिया रवैया और कार्यशैली पर अंदाजा लगाया जा सकता है।
यह है पूरा मामला
23 दिसंबर 2019 की रात अवायां गांव निवासी दरोगा सिंह की अपाची बाइक संख्या यूपी 60 एएल 7864 उनके घर के दरवाजे से ही गायब हो गई। इसकी सूचना उन्होंने उभांव थाना पुलिस को अगले दिन ही दी किंतु पुलिस ने कोरोनाकाल का हवाला देकर मुकदमा दर्ज करने से इंकार कर दिया। पुलिस के ही कहने पर पीड़ित ने बाइक चोरी की आनलाइन शिकायत दर्ज कराया और इसकी जांच के लिए थाने का चक्कर लगाने लगा। लेकिन 2 जुलाई 2022 को थाने के मुंशी ने जमकर खरीखोटी सुनाई और कहा कि आनलाइन मुकदमा से विवेचना नहीं होता है, एसपी के आदेश पर विवेचना होगा और पुलिस द्वारा बाइक खोजने की प्रक्रिया शुरु होगी। जिला मुख्यालय जाओ। इस बीच चोरी गए बाइक से किसी आपराधिक वारदात होने पर पुलिस द्वारा परेशान किए जाने की भी आशंका से पीड़ित सहमा रहा। जिसके कारण पीड़ित ने न्यायालय में गुहार लगाया और पुलिस ने सितंबर में अज्ञात चोरों के खिलाफ बाइक चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया।
थाना 1857 का, कार्यशैली भी अंग्रेजियत वाली
देश की आजादी से पहले ही खुद को आजाद करने वाले बलिया जनपद में अनेक थाने अंग्रेजी हुकूमत के समय है। जो अंग्रेजों के क्रूरता का अभी भी गवाह है। बलिया जनपद में संचालित उभांव थाना का भवन भी 1857 में अंग्रेजी हुकूमत द्वारा ही निर्मित है। यहां आज भी कभी कभार पुलिस का रवैया अंग्रेजी शासन जैसा ही लापरवाह, निरंकुश और अव्यवहारिक होने का प्रमाण मिलता रहा है। इस थाने का सिपाही तो गोवंशीय तस्करों के साथ भी रंगे हाथ पकड़ा जा चुका है। साथ ही फरियादियों के साथ अव्यवहार का भी आरोप लगता रहा है।