बीजेपी सरकार पर बरसे पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, बसपा की तारीफ
तत्कालीन बसपा सरकार को बताया अब तक का सबसे अच्छा शासन





बीजेपी सरकार पर बरसे पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, तत्कालीन बसपा सरकार को बताया अब तक का सबसे अच्छा शासन
बलियाः अपनी जनता पार्टी के तत्वाधान में संविधान सम्मान एवं जनहित हुंकार यात्रा के तहत प्रदेश यात्रा पर निकले राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य शनिवार को 41वें जनपद के रुप में बलिया में पहुंचे और बेल्थरारोड में प्रेसवार्ता कर बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भाजपा सरकार जब से आई है, देश में नौजवानों, किसानों, व्यापारियों, एससी एसटी, ओबीसी, महिलाओं सभी पीड़ित है। देश में आज रोजगार मिलना मुश्किल है। बेरोजगारी का आलम यह है कि देश में आज 80 करोड़ की आबादी गरीब, लाचार, बदहाली और कंगाली की जिंदगी जी रहा है। उन्होंने तत्कालीन बसपा सरकार को यूपी में अब तक की सबसे अच्छी सरकार बताया। हालांकि उन्होंने बसपा से संभावित गठबंधन को लेकर फिलहाल सिरे से इंकार कर दिया और कहा कि वे फिलहाल प्रदेश के सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रहे है लेकिन भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए जरुरत पड़ने पर वे समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ हाथ भी मिला सकते है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश के तत्कालीन बसपा सरकार में प्रदेश के लोग सबसे ज्यादा सुरक्षित थे। पूरा प्रदेश सुरक्षित था। कानून का राज था जो आज से पहले और न उसके बाद, अब तक नहीं हो सका। उन्होंने यूपी के तत्कालीन बसपा सरकार को अब तक का सबसे अच्छी सरकार बताया।
बेरोजगार ठोकर खा रहे है और 80 करोड आबादी 10 किलो चावल के भरोसे कंगाल बनी है…
देश में आज बड़ी डिग्री लेने वाले नौजवान ठोकर खा रहे है। रोजी रोटी के लाले है। गरीबी की आलम यह है कि 140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ की जिंदगी 5 किलो से 10 किलो चावल पर आ कर रुक गई है। जिस देश में 80 करोड़ लोगों की जिंदगी 5 से 10 किलो चावल पर चलती है। वह भारत कितना गरीब, लाचार बदहाली और कंगाली की जिंदगी जी रहा है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। महंगाई आसमान पर है, जिससे आमलोगों का जीना दूभर हो गया है। किसानों को आज तक लाभकारी मूल्य नहीं मिला। पिछले चार साल से धरनारत किसानों का एक भी मांग पूरी नहीं की गई।
यूपी के 403 विधानसभा सीटों पर लड़ेगी लोकमोर्चा,
अपनी जनता पार्टी के नेतृत्व में लोकमोर्चा, न केवल भाजपा को बाहर का रास्ता दिखायेगी बल्कि सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। बसपा से गठबंधन को लेकर दूर दूर तक कोई बात नहीं है। भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए लाइंन माइंडेड लोगों से हाथ मिलाने में कोई गुरेज नहीं होगा। फिलहाल अभी हम अपने बलबूते सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है। लेकिन अगर भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए सपा से हाथ मिलाना भी पड़ेगा तो समान विचारधारा को प्राथमिकता होगी।
पीडीए पर वार, अखिलेश यादव को बताया दिग्भ्रमित….
अखिलेश यादव स्वयं पीडीए के परिभाषा भिन्न भन्न शब्दों से उच्चारित करते है। कभी पीडीए के पी का मतलब पिछड़ा तो कभी पंडीत बताते है, डी का मतलब कभी दलित तो कभी डिंपल बता रहे है। ए का मतलब कभी अल्पसंख्य और अगड़ा बताते है तो कभी आधी आबादी। तो आखिर सही क्या है। आज तक पीडीए के नाम पर धोखा देने वाले इसकी सही परिभाषा नहीं बता पाएं। अखिलेश यादव स्वयं दिग्भ्रमित है और पीडीए एक धोखा है। इसके सिवा कुछ नहीं है।
निर्वाचन आयोग को निष्पक्ष एवं निर्भिक भूमिका में खड़ा होना चाहिए
121 दलों को चुनाव आयोग द्वारा रद किए जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग, देश की सर्वोच्च संस्था है। लेकिन विगत कई सालों से जिस तरह से उंगलियां उठ रही है। निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है कि वह स्वयं को निष्पक्ष एवं निर्भिक भूमिका में खड़ करें, जिससे उस पर देशवासियों का विश्वास बना रहें।
संत रामभद्राचार्य के विवादित बयान के जवाब में विवादित बयान
एक संत जब असंत की भाषा बोलेगा, एक महिला कितने बच्चे पैदा करें, इससे उनका क्या लेना देना। कहा कि मुस्लिम महिला अगर 25 बच्चे पैदा करती है तो दूसरे समाज को पैदा करने से किसने रोका है। रामभद्राचार्य का बयान बकवास है। उनकी सड़ी गली पागलपन की मानसिकता है। उन्होंने सवाल किया कि देशहित से अनुचित बात करना, यह संत को शोभा देता है! यह अमर्यादित भाषा नहीं है।
आजम खां को राजनीतिक द्वेष के तहत भेजा गया जेल
आजम खां यूपी के वरिष्ठतम नेताओं में सुमार है। राजनीतिक दुर्भावना से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुर्गी चोरी और बकरी चोरी जैसे मामले में जेल भेजा गया। यह गलत हुआ है। उनको जेल में नहीं जाना चाहिए था। यूपी सरकार उनके खिलाफ हाथ धोकर बैठी है। यह राजनीतिक द्वेष है। वे जल्दी जेल से छूटे, यह हमारी शुभकामनाएं है।






