राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बलिया में कहा: “युवा नशे से दूर रहें, नवाचार और अनुसंधान की ओर बढ़ें”
जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय का सप्तम् दीक्षान्त समारोह संपन्न

बलिया जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय का सप्तम् दीक्षान्त समारोह संपन्न
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बोलीं— “युवा नशे से दूर रहें, नवाचार और अनुसंधान की ओर बढ़ें”
बलिया: जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया का सप्तम् दीक्षान्त समारोह मंगलवार को भव्य और गरिमामय वातावरण में आयोजित हुआ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने मंत्रोच्चार के बीच कार्यक्रम का शुभारंभ किया और विद्यार्थियों को जीवन में अनुशासन, नवाचार और अनुसंधान को अपनाने की प्रेरणा दी।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत को विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए युवाओं को अनुसंधान-नवाचार की दिशा में आगे बढ़ना होगा। उन्होंने युवाओं को नशे से बचने, नियमित अध्ययन करने और समाज हित में अपने ज्ञान का प्रयोग करने का आह्वान किया। लिव-इन रिलेशन और नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “मुझे तभी खुशी होगी जब उत्तर प्रदेश का हर युवा नशा छोड़ देगा।” साथ ही बेटियों को सचेत करते हुए उन्होंने कहा कि वे लुभावने झांसे में न आकर अपने जीवन को बेहतर लक्ष्यों के लिए समर्पित करें।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर भी बल देते हुए अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की और कहा कि विश्वविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन की संस्कृति को मजबूत बनाना होगा।
डॉ. रजनीकांत ने दी प्रेरणा, बोले – “शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान नहीं, व्यक्तित्व निर्माण है”
समारोह में पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बलिया की धरती को तप, त्याग और क्रांति की जन्मभूमि बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल ज्ञान प्राप्ति का केंद्र नहीं बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की प्रयोगशाला होते हैं।
डॉ. रजनीकांत ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे सत्य, सेवा और त्याग के मार्ग पर चलें और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा— “अगर हाथ में हुनर होगा, तो दुनिया में आपकी पूछ होगी।”
19,560 विद्यार्थियों को मिली उपाधि, छात्राओं ने मारी बाज़ी
इस वर्ष कुल 19,560 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 15,878 स्नातक और 3,682 परास्नातक छात्र-छात्राएँ शामिल रहीं। उल्लेखनीय है कि 62% (12,143) छात्राएँ और 38% (7,417) छात्र उपाधि प्राप्त करने वालों में शामिल रहे।
इस बार 19 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री दी गई, जिनमें 13 छात्र और 6 छात्राएँ शामिल रहीं।
समारोह में 43 मेधावी विद्यार्थियों को 44 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इनमें शामिया खातून को सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर कुलाधिपति पदक (चांसलर मेडल) भी मिला।
कुलपति ने दी प्रगति रिपोर्ट
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय की उपलब्धियाँ बताईं। उन्होंने कहा कि जेएनसीयू प्रदेश में सबसे पहले परीक्षा परिणाम घोषित करता है। परिसर में नए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के कारण प्रवेश संख्या बढ़ी है। आईसीएसएसआर और विज्ञान एवं तकनीकी परिषद के सहयोग से अनेक शोध परियोजनाएँ व संगोष्ठियाँ आयोजित की गई हैं।
स्मारिका व पुस्तकों का हुआ लोकार्पण
समारोह में ‘सृजन’ स्मारिका, विश्वविद्यालय समाचार पत्र ‘अन्वीक्षण’ तथा प्राध्यापकों द्वारा लिखित कई पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर शोध व साहित्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर रचित पुस्तकों को विशेष सराहना मिली।
प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की प्रतिभा भी निखरी
दीक्षान्त समारोह से पूर्व आयोजित दीक्षोत्सव सप्ताह के दौरान गोद लिए गए गाँवों के प्राथमिक विद्यालयों में भाषण, चित्रकला और कहानी लेखन प्रतियोगिताएँ कराई गईं। विजेता बच्चों को मंच पर राज्यपाल ने पुरस्कृत किया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत पर्यावरण गीत और भाषण ने सभी का मन मोह लिया।
बालिकाओं का हुआ टीकाकरण
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से पुलिस परिवारों की 20 किशोरियों (9–14 आयु वर्ग) को सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु टीका लगाया गया। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को उपहार के रूप में वस्तुएँ देने के बजाय टीकाकरण कराना ही सबसे बड़ी सौगात है।
समारोह में उपस्थित रहे
समारोह में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी, जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह, सीडीओ ओजस्वी राज, कुलसचिव संतलाल पाल सहित विवि के सभी अधिकारी, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएँ और अभिभावक उपस्थित रहे। संचालन डाॅ. सरिता पाण्डेय ने किया।




