सरयू ने मचाई तबाहीः बेल्थरारोड में 1998 जैसे हालात, डीएम ने देखा हाल
टूटा नहर, पानी में डूबे तीन राजकीय स्कूल
बलिया: सरयू में जारी बाढ़ का शुक्रवार को बलिया डीएम सौम्या अग्रवाल ने जायजा लिया। इस दौरान एसपी राजकरन नय्यर और एसडीएम दीपशिखा सिंह भी मौजूद रही। डीएम ने बाढ़ से राहत और बचाव के लिए मातहतों को आवश्यक निर्देश दिए।
बेल्थरारोड में 1998 जैसे बाढ़ के हालात
सरयू में बाढ़ का कहर इस बार 1998 के तांडव की याद दिला रहा है। 1998 में अधिकतम नदी का जलस्तर 66.00 मीटर पहुंच गया था। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार तुर्तीपार हेड पर इस बार नदी का जलस्तर 65.520 मीटर तक पहुंच गया है और अभी भी एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा के हिसाब से नदी में बढ़ाव जारी है। अक्टूबर माह में सरयू में आएं बाढ़ से इस बार अब तक टंगुनिया, गुलौरा, मुजौना, तुर्तीपार की आंशिक आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है।
टंगुनिया में प्रशासन ने बढ़ाया नाव, तीन गांव में लगे 14 नाव
सर्वाधित छोटकी टंगुनिया और गुलौरा की करीब 800 की आबादी जलमग्न हो गई। यहां तहसील प्रशासन ने सबसे अधिक 12 नाव लगवाया है। जबकि तुर्तीपार में दो और चैनपुर में एक नाव की व्यवस्था की गई है। मुजौना और मझवलिया प्राथमिक स्कूल एवं टंगुनिया कंपोजिट स्कूल भी बाढ़ की चपेट में है। जिसके कारण यहां पठन पाठन प्रभावित है। चैनपुर के पास पुरानी नहर टूट जाने से नदी का पानी सीधे चैनपुर और टंगुनिया के दक्षिण इलाकों में बढ़ गई है। जिससे यहां की भी करीब दो हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। यहां तुर्तीपार-हाहानाला बंधा भी नदी के दबाव से जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है।
एसडीएम ने भी नाव से देखा बाढ़ का हाल
शुक्रवार की सुबह स्थानीय एसडीएम दीपशिखा सिंह ने टंगुनिया में तटवर्ती इलाकों में नाव से बाढ़ का जायजा लिया। इस दौरान प्रधान प्रतिनिधि महेश यादव भी मौजूद रहे। चैनपुर के पास नहर टूटने से सोनू साहनी, अखिलेश साहनी, दीपक, अमित, अरविंद और रामभवन साहनी के घरों में नदी का पानी प्रवेशकर गया है। जबकि छोटकी टंगुनिया के साहनी बस्ती भी पूरी तरह से नदी के पानी से घिर चुका है।