दो युवाओं का जज़्बा बना सहारा: जानलेवा सड़क पर उतरे और बदल दी तस्वीर
मालीपुर खंदवा मार्ग पर pwd ने हद कर दी


दो युवाओं का जज़्बा बना सहारा: जानलेवा सड़क पर उतरे और बदल दी तस्वीर
मालीपुर खंदवा मार्ग पर pwd ने हद कर दी
बलिया: जनपद बलिया के बेल्थरारोड तहसील अंतर्गत मालीपुर–खंदवा नहर मुख्य मार्ग… जहां हर दिन लोग हादसों का शिकार हो रहे थे, जहां सड़क गड्ढों और दलदल में बदलकर मौत का सफर बन चुकी थी वहां उम्मीद की किरण बनकर उतरे दो युवा। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि अरुण कुमार संगम और भाजपा नेता शशि चौरसिया ने जब देखा कि जनता हर रोज़ पीड़ा झेल रही है और जिम्मेदार विभाग खामोश है, तो उन्होंने ठान लिया कि अब चुप बैठना गुनाह होगा।
दोनों युवाओं ने बिना देर किए गांव-गांव जाकर लोगों को आवाज़ दी, “आइए, अपनी सड़क खुद बनाते हैं।” और फिर वही हुआ जो अक्सर कहानियों में पढ़ा जाता है। हाथों में फावड़ा, कंधे पर जिम्मेदारी और आंखों में बदलाव का सपना लेकर वे खुद सड़क पर उतर पड़े।
सोमवार और मंगलवार को दोपहर भर पसीना बहाते इन युवाओं के साथ सैकड़ों हाथ जुड़ गए। किसी ने गड्ढों में बोल्डर डाले, किसी ने ट्रैक्टर चलवाया, किसी ने दलदल साफ किया। देखते ही देखते वह सड़क, जिस पर चलना भी मौत को दावत देने जैसा था, चलने लायक बन गई।
गांव के बुजुर्गों की आंखों में चमक थी, महिलाएं दरवाजे से दुआएं दे रही थीं, बच्चे तालियां बजा रहे थे। और इस सबके केंद्र में खड़े थे अरुण संगम और शशि चौरसिया, जिन्होंने दिखा दिया कि असली नेतृत्व सत्ता की कुर्सी पर नहीं, बल्कि जनता के बीच पसीना बहाने से आता है।
ग्रामीणों का कहना है कि “अगर ऐसे युवा हमारे बीच हैं तो हमें किसी विभाग या अफसर पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं। ये दो लड़के हम सबकी ताकत हैं।”
सड़क अभी अस्थायी रूप से सुधरी है, लेकिन लोगों का भरोसा स्थायी रूप से मजबूत हो गया है। अब ग्रामीण साफ कह रहे हैं कि अगर जल्द ही सड़क स्थायी रूप से नहीं बनी, तो आंदोलन होगा और अगुवाई वही करेंगे जिन्होंने आज हिम्मत दिखाई।
आज बलिया में हर कोई यही कह रहा है कि “अरुण और शशि ने साबित कर दिया, जज़्बा हो तो मौत के सफर को भी उम्मीद की राह बनाया जा सकता है।”




